लखनऊ , केन्द्र सरकार के विमुद्रीकरण के फैसले ने उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों में मिठास बढा दी है। चालू सत्र के पहले तीन महीने में किसानों को 44 फीसदी गन्ने का भुगतान कर दिया गया है वहीं चीनी के बंपर उत्पादन की बदौलत यह सूबा देश में अव्वल हो गया है।
किसानों पर चीनी मिलों की दरियादिली का अंदाजा यूं लगाया जा सकता है कि चीनी मिलों ने गन्ना के बकाये पांच हजार 726 करोड 72 लाख रूपये में से बीते शुक्रवार तक दो हजार 524 करोड 54 लाख रूपये का भुगतान कर दिया था जो कुल बकाये का लगभग 44़ 08 फीसदी है। हालांकि चीनी मिलों को अभी गन्ना मूल्य की एवज में किसानों का तीन हजार 202 करोड 13 लाख रूपये देने हैं।
यहां दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को सख्त हिदायत दी है कि गन्ना खरीद के समय ही किसानों को उनकी उपज का पूरा भुगतान किया जाये मगर मिलों ने सरकारी दिशा निर्देशों को नजरअंदाज करते हुये 218. 93 करोड रूपये का तुरंत भुगतान किया जबकि शेष भुगतान के लिये अगले दो हफ्ते का समय लिया।