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63 मून्स ने साइबर सुरक्षा के लिए लाँच की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी

नयी दिल्ली,  अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी विकसित करने वाली प्रमुख कंपनी 63 मून्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में प्रवेश करते हुये स्मार्टफोन के लिए साइबर सुरक्षा ऐप ‘सीवाईबीएक्स’और इंटरप्राइज सर्वर के लिए 63 एसएटीएस तथा प्रत्येक शहर, प्रत्येक राज्य और देश के लिए साइबरड्रोम लाँच करने की आज घोषणा की।

कंपनी ने कहा कि साइबर अटैक के बढ़ते पैमाने और तरीकों को देखते हुए, साइबर सुरक्षा सभी व्यक्तियों, कॉर्पोरेट संस्थाओं और देशों के लिए ज़रूरी है। इसलिए, 63मूंस ने साइबर सुरक्षा के लिए तीन वर्टिकल में सॉफ्टवेयर लाँच किये हैं जो सेंट्रलाइज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशंस नर्व सेंटर (एसओसी) से संचालित है और विकेंद्रीकृत फ्रैंचाइज़ नेटवर्क द्वारा समर्थित हैं। इज़राइल से लेकर अमेरिका तक, दुनिया की 10 सर्वश्रेष्ठ साइबर सुरक्षा फर्मों के साथ गठबंधन में 63 मून्स का साइबर सुरक्षा वर्टिकल बनाया गया है। कंपनी के इनोवेशन के तरीके ने कई प्रमुख साइबर सुरक्षा फर्म जैसे ब्लैकबेरी, रिसिक्योरिटी, मॉर्फिसेक आदि को बेस्ट इन क्लास और व्यापक साइबर सुरक्षा सूट बनाने हेतु भागीदार बनने के लिए अपनी ओर खींचा है। कई यूनिकॉर्न शुरू करने की अपनी विरासत के लिए जानी जाने वाली 63मून्स अब एक ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए तैयार है, जिसमें भविष्य को उज्ज्वल करने वाली और परिवर्तनकारी साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के साथ संभावित डिकैकॉर्न देखा गया है, क्योंकि भारतीय साइबर सुरक्षा बाजार की कीमत वर्ष 2029 तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचन जायेगी। साथ ही वैश्विक साइबर सुरक्षा बाजार का अनुमानित मूल्य वर्ष 2030 तक कुल 42 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की सम्भावना है।

63 एसएटीएस के टेक सीईओ नीहार पठारे ने कहा कि ये तीनों सॉफ्टवेयर का रोलआउट पूरे भारत में इंटरनेट से जुड़े हर डिवाइस की सुरक्षा के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सीवाईबीएक्स मोबाइल फोन उपयोगकर्ता को वेरिफाइड नंबर डेटाबेस के साथ अपने सहज डायलर ऐप के साथ सुरक्षित कॉल करने में मदद करता है। यह वाईफाई स्टेटस और उससे संबंधित जोखिमों की जांच करने, हानिकारक और जूठे इनबाउंड मैसेजेस से बचाने, संभावित खतरों की पहचान करने और प्रत्येक यूआरएल लिंक की सुरक्षा को वेरिफाई करने में भी मदद करता है। यह परफार्मेंस की निगरानी के लिए एप्लिकेशन नेटवर्क और संसाधन उपयोग को भी ट्रैक करता है और सभी ऐप्स का विवरण दिखाने वाला एक डैशबोर्ड भी देता है। 63 एसएटीएस डिजिटल बुनियादी ढांचे और अत्याधुनिक मैलवेयर सुरक्षा, एंटी पेगासस मोबाइल खतरे की रक्षा, गैल्वेनिक सेपरेशन का इस्तेमाल करके डेटा एयर-गैपिंग की सुरक्षा के लिए एक दम सही उद्यम समाधान देता है। यह वर्टिकल रियल टाइम एडवरसैरियल सिमुलेशन, आर्किटेक्चर से रनटाइम तक क्लाउड सुरक्षा, डार्क वेब/बॉटनेट मॉनिटरिंग के साथ साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस की सुविधा भी देता है। साथ ही इसमें डीपीडीपी गोपनीयता अधिनियम अनुपालन और डिजिटल फोरेंसिक और रैंसमवेयर घटना प्रतिक्रिया के लिए सेवाएं भी दी जाती हैं। साइबरड्रोम हर शहर, हर राज्य और राष्ट्र को शुरू से अंत तक सुरक्षित संचार देता है। इसमें बड़े पैमाने पर क्लाउड सुरक्षा प्रबंधन भी किया जाता है, जिसमें रैंसमवेयर के विरुद्ध डेटा सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी थ्रैट इंटेलिजेंस भी शामिल है। इसमें किसी सरकार प्रायोजित स्पाइवेयर अटैक से सुरक्षा के अलावा बड़े पैमाने पर साइबर अटैक के खिलाफ भी सुरक्षा दी जाती है।

उन्होंने कहा कि 63 मून्स डिजिटल अर्थव्यवस्था की लहर का फायदा उठाते हुए एक सुव्यवस्थित, अखिल भारतीय फ्रैंचाइज़ी नेटवर्क की पेशकश कर रहा है जो भौतिक अर्थव्यवस्था से भी बड़ी होने वाली है। 1 मार्च, 2024 से शुरू होने वाले 52 शहरों के रोड शो के साथ, 63 मून्स का लक्ष्य राष्ट्रव्यापी फ्रेंचाइजी नेटवर्क को सक्षम करना और उत्पादों और सेवाओं की एक शानदार श्रृंखला देना है।