नयी दिल्ली, वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया ट्रेड यूनियन अभियान के अग्रणी नेता राजेन्द्र प्रभु का निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार प्रभु का सोमवार रात में ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। एक माह पहले ही उनके हृदय का आपरेशन हुआ था।
प्रभु के परिवार में पत्नी तथा तीन पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं। उनका जन्म केरल के कोच्चि में हुआ था। वह छात्र जीवन से ही ट्रेड यूनियन आंदोलन से जुड़ गये थे। बाद में वह भोपाल आये और रेलवे से जुड़ गये। इसके बाद उन्होंने ‘डेक्कन क्रानिकल’ समाचार पत्र में काम करना शुरू किया। इसके बाद वह हिन्दुस्तान टाइम्स सहित विभिन्न समाचार पत्रों से जुड़े।
उन्होंने 1972 में नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और इसके शीर्ष पदों पर रहे। प्रभु ने श्रमजीवी पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों के लिए समय समय पर गठित होने वाले वेतन बोर्डों में भी ट्रेड यूनियन नेता के तौर पर सक्रिय योगदान दिया। पत्रकारों के विभिन्न संगठनों ने उनके निधन पर शोक जताया है। प्रभु का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को होगा।