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उत्तर प्रदेश में बाढ़ से 16 जिलों के 875 गांव प्रभावित

लखनऊ, उत्तराखंड, नेपाल तथा मैदानी इलाकों में पिछले 15 दिनों से रूक रूक कर हो रही बारिश के चलते उत्तर प्रदेश में 16 जिलों के 875 गांव बाढ़ से प्रभावित है।

राहत आयुक्त संजय गोयल ने गुरूवार को यहां बताया राज्य में 16 जिलों के 875 गांव बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए राज्य में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है।

उन्होंने कहा कि राज्य में कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की सात टीमें इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। उन्होंने बताया कि 1,107 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिये बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये है।

श्री गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुचाने के लिये लगाई गई नौकाएं कही से भी क्षतिग्रस्त न हो। नौवहन के लिए पूर्णतया सुरक्षित हो। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नौका परिचालन के समय उसकी क्षमता से अधिक व्यक्ति व सामान का वहन उससे न किया जा रहा हो। नौकाओं का परिचालन अनुभवी नाविकों से कराये जाने के निर्देश दिये हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिये है कि प्रदूषित जलजनित व वेक्टर (मक्खी, मच्छर) जनित रोगों की रोकथाम के लिये आवश्यक कार्रवाई किया जाए एवं इन रोगों के उपचार के लिये समुचित औषधियों का पर्याप्त स्टाक भी सुनिश्चित किया जाए। कैम्प में रह रहे वृद्धों, महिलाओं तथा बच्चों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुविधाएं व सामग्री उपलब्ध करायी जाए तथा सैनिटेशन व हाईजीन का विशेष ध्यान रखा जाए।

श्री गोयल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें आटा, चावल, आलू, लाई, भूना चना, अरहर की दाल, नमक, हल्दी, मिर्च, धनिया, केरोसिन, मोमबत्ती, माचिस, बिस्कुट, रिफाइन्ड तेल, क्लोरीन एवं नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है।

उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के तहत 1,00,009 खाद्यान्न किट व 2,27,496 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 296 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
श्री गोयल ने बताया कि राज्य के 16 बाढ़ प्रभावित जिलों में अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, पीलीभीत, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 875 गांवों बाढ़ से प्रभावित है।

शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), शारदा बैराज (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), राप्ती नदी राप्ती बैराज (श्रावस्ती) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 380 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,71,261 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं।

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 2,789 कुंतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है।