हरियाणा के बल्लभगढ़ में दलित परिवार का घर और दो बच्चों को जिंदा जलाए जाने की घटना में अपर कास्ट के हमले में अपने बेटे और बेटी को खो चुके जितेंद्र नाम के दलित शख्स ने दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। जलाए गए बच्चों के पिता जितेंद्र ने आरोप लगाया कि उन्हें अभी तक प्रशासन से किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं मिला है। इस कारण वे विरोध को मजबूर हैं। पीड़ित परिवार ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। घटना के विरोध में आगरा-दिल्ली नेशनल हाईवे-2 पर चक्काजाम कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद जाम खुलवाया गया।
बढ़ते तनाव के मद्देनजर हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने सुनपेड गांव का दौरा टाल दिया। घटना की सीबीआई से जांच कराने की हरियाणा सरकार ने सिफारिश कर दी है। राहुल गांधी जितेंद्र से मिलने सोनपेड गांव पहुंचे। उन्होंने कि कहा लोगों को यहां जिंदा जलाया गया। लोगों की हत्याएं हो रही हैं। लेफ्ट नेता वृंदा करात, आप आदमी पार्टी के नेता आशुतोष, संजय सिंह और किसान नेता योगेंद्र यादव भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। दिल्ली में हरियाणा भवन के बाहर सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया ।
बल्लभगढ़ के सुनपेड गांव में पिछले एक साल से तनाव है। अक्टूबर 2014 को अपर कास्ट के तीन युवकों की हत्या कर दी गई। तब दलित परिवार पर हत्या का आरोप लगा था। दलितों को डर था कि दबंग पूरी जाति से बदला लेंगे। लिहाजा, जितेंद्र को छोड़ कर बाकी दलित परिवार गांव छोड़ कर चले गए। मंगलवार की रात कुछ लोगों ने जितेंद्र के घर में घुसकर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी और बाहर से दरवाजा बंदकर भाग गए। घटना में बुरी तरह से झुलसे जितेंद्र के दोनों बच्चों की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई। जितेंद्र और उनकी पत्नी भी घायल हो गए।