पीएमसी बैंक घोटाले में एक और पूर्व निदेशक पुलिस हिरासत में भेजा गया
October 17, 2019
मुंबई, मुंबई की एक अदालत ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को- आपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले में बैंक के पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा को 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
अरोड़ा को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार किया था। इस घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा ने कहा कि अरोड़ा ने अपने आधिकारिक पद का ‘दुरुपयोग’ करते हुए इस घोटाले में सहयोग किया।
अदालत ने बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को भी बृहस्पतिवार को पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
अरोड़ा को आर्थिक अपराध शाखा ने बुधवार को गिरफ्तार किया था। पीएमसी बैंक के 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में अरोड़ा को जांच एजेंसी ने तलब किया था। उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
अरोड़ा को बृहस्पतिवार को मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट एस जी शेख की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इस मामले में गिरफ्तार होने वाले अरोड़ा पांचवें आरोपी हैं।
आर्थिक अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा कि अरोड़ा पीएमसी बैंक में निदेशक रह चुके हैं। वह बैंक की ऋण समिति में भी थे। ‘‘घोटाले में उनकी भूमिका सामने आई है। वह ऋण मंजूर करने की प्रक्रिया में शामिल रहे हैं।’’
अधिकारी ने कहा कि एचडीआईएल समूह को व्यापक स्तर पर ऋण सुविधा दी गई, जिसमें घोटाला हुआ। अरोड़ा ने इस कथित घोटाले को ‘संरक्षण’ दिया।
ईओडब्ल्यू ने पहले ही अदालत को सूचित किया है कि बैंक अधिकारियों ने एचडीआईएल के 44 ऋण खातों को 21,049 फर्जी खातों से बदला ताकि रियल एस्टेट समूह की ऋण भुगतान में असफलता को छिपाया जा सके। बैंक के मौजूदा संकट की यह प्रमुख वजह है। जांच एजेंसी ने कहा कि अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अरोड़ा ने इस घोटाले में भूमिका निभाई।
एजेंसी ने कहा कि अरोड़ा को निदेशक मंडल में बैंक के कामकाज के बेहतर संचालन के लिए शामिल किया गया था, लेकिन उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया।
अरोड़ा और थॉमस के अलावा इस घोटाले में एचडीआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राकेश वधावन, उनके पुत्र सारंग वधावन और पीएमसी बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।