पश्चिम बंगाल का नाम बंगाली में बांग्ला, अंग्रेजी में बेंगाल तथा हिंदी में बंगाल होगा
August 29, 2016
कोलकाता, पश्चिम बंगाल विधानसभा ने पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बंगाली में बांग्ला करने और अंग्रेजी में बेंगाल करने के एक प्रस्ताव को आज पारित कर दिया। कांग्रेस, भाजपा और वामदलों समेत विपक्ष ने इस कदम का विरोध किया।
संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने नियमावली 169 के तहत यह प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव कहता है कि राज्य का नाम बंगाली में बांग्ला, अंग्रेजी में बेंगाल तथा हिंदी में बंगाल होगा। इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, बांग्ला नाम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि है। मुझे बौंगो नाम पर कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन ज्यादातर लोग बांग्ला नाम चाहते हैं। अंग्रेजी में यह बेंगाल होगा ताकि पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ कोई भ्रम नहीं हो। उन्होंने कहा, जब भी हम भारत के बाहर या किसी अन्य राज्य में जाते हैं, हम बंगाल के लोग के रूप में जाने जाते हैं। वर्ष 2011 में हमने राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था लेकिन उसे केंद्र ने रोक लिया। इस संबंध में कोई फैसला नहीं हो सकता अतएव हमने राज्य का नाम बदलकर बांग्ला करने के लिए एक बार फिर लाने का फैसला किया।
बाद में संवाददाताओं से उन्होंने कहा, जो लोग बस राजनीति के लिए इस नाम परिवर्तन का विरोध कर रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। यह एक ऐतिहासिक भूल है और इतिहास उन्हें नहीं माफ करेगा। ममता ने कहा कि यह मामला अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा और तब वह इसे संसद में पेश करेंगी। उन्होंने कहा, मैं केंद्र सरकार से इस मामले पर आगे बढ़ने का अनुरोध करूंगी ताकि इसे संसद के सामने रखा जा सके। हम इसे यथासंभव रखना चाहते हैं। ममता ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की उनकी हाल की इस टिप्पणी के लिए आलोचना की कि वह इसे पारित नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, मैं देखूंगी कि कैसे वह रोक सकते हैं। मैं केंद्रीय गृहमंत्री से बात करूंगी। वह (दिलीप घोष) रोकने वाले कौन होते हैं? उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात की है। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि हमने विधानसभा में इसे पारित कराया है। अब आप इस पर आगे बढ़िए।