दिल्ली की जहरीली हवा से खुद को बचाना है तो खाएं ये चीजें….
November 4, 2019
एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर की आबो-हवा जहरीली हो गई है. यहां के लोग जिस हवा में सांस ले रहे हैं वह खतरे के निशान से ऊपर चली गई है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ, सिर व सीने में दर्द, सर्दी-जुकाम, कफ और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. खासकर यह जहरीली हवा सबसे ज्यादा बच्चों को परेशान कर रही है. ऐसे में आपको अपनी हेल्थ को लेकर और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. मिसाल के तौर पर कई ऐसी फल-सब्जियां हैं, रोजाना जिन्हें खाना जहरीली हवा के असर से काफी हद तक बचा सकता है.
अलसी के बीज- इसमें फोटोएस्ट्रोजन और ओमेगा-थ्री फैटी एसिड की काफी मात्रा होती है. इनमें एंटीऑक्सिडेंट के गुण होते हैं यानी ये सांस से जुड़ी तकलीफों को दूर करने का काम करते हैं. यहां तक कि अस्थमा जैसे खतरनाक मर्ज में भी इनका सेवन काफी आराम देता है. अलसी को भूनकर और पीसकर उसे सलाद, दाल या स्मूदी में भी लिया जा सकता है.
ब्रोकली- जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में 12 सप्ताह तक हुआ एक शोध बताता है कि रोज ब्रोकली खाने वाले लोगों पर वायु प्रदूषण का असर बहुत कम हो जाता है. इसकी वजह है ब्रोकली की एंटी-कार्सिनोजेनिक प्रॉपर्टी. इसमें विटामिन सी और बीटा कैरोटिन भी होता है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
हल्दी- हमेशा से भारतीय रसोई का अहम हिस्सा रहा ये मसाला स्मोग के असर को बेअसर कर सकता है. इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो लंग्स को प्रदूषण के असर से बचाए रखते हैं. कफ होने पर हल्दी को घी में मिलाकर खाने से तुरंत राहत मिलती है. हल्दी, गुड़ और बटर को मिलाकर रात में गुनगुने दूध में डालकर पीना जानलेवा प्रदूषण का असर काफी हद तक कम कर सकता है
टमाटर- रोज सब्जियों में स्वाद के लिए डाला जाने वाला टमाटर जहरीली हवा से हमें बचाने के लिए कवच का काम करता है. इसमें बीटा कैरोटिन, विटामिन सी और लाइकोपिन होता है यानी वे एंटीऑक्सिडेंट जो अस्थमा से लेकर किसी भी तरह की सांस की बीमारी से दूर रखते हैं. फेफड़ों को हमेशा स्वस्थ रखने में भी इनका अहम योगदान है.
पालक- ल्यूटिन, क्लोरोफिल और बीटा कैरोटिन से भरपूर पालक में बीमारियों से बचाने की क्षमता होती है. ये एक बेहतर एंटीऑक्सिडेंट है जो कैंसर और खासकर जहरीली हवा के कारण फेफड़ों पर होने वाले दुष्प्रभाव से बचाता है. इसमें मैग्नीशियम भी होता है जिससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है.