नई दिल्ली, रेलवे को अब पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव बहुत याद आने लगें हैं, क्योंकि लालू यादव के समय की दुधारू गाय रेलवे अब घाटे के सौदे की ओर अग्रसर है.
आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को हाल ही मे एक और झटका लगा है. जीडीपी विकास दर के बीते 6 सालों में पांच फीसदी से भी नीचे जाने के बाद अब भारतीय रेल के भी बीते 10 सालों में सबसे बुरे दौर में होने की रिपोर्ट सामने आई है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे की कमाई बीते दस सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है.
रेलवे का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष साल 2017-18 में 98.44 फीसदी तक पहुंच चुका है. अगर कैग के आंकड़े को आसान भाषा में समझें तो अभी रेलवे 98 रुपये 44 पैसे लगाकर सिर्फ 100 रुपये की कमाई कर रही है. यानी रेलवे को 100 रूपये खर्च करने पर सिर्फ एक रुपये 56 पैसे का मुनाफा हो रहा है जो व्यापारिक नजरिए से सबसे बुरी स्थिति है. वहीं लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो भारतीय रेल मुनाफे में थी. साल 2008-09 में रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेल बजट पेश किया था, जिसमें भारतीय रेलवे ने 25 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था. रेलवे के कायाकल्प को लेकर लालू यादव का मैनेजमेंट भारत समेत दुनियाभर के बिजनेस स्कूलों के लिए एक रिसर्च का विषय बन गया था.