नयी दिल्ली, महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध की नृशंस घटनाओं के खिलाफ देश भर में फैले आक्रोश के बीच यह मुद्दा शुक्रवार को संसद से सड़क तक छाया रहा और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी इस पर गंभीर चिंता जताते हुए पाेक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म के दोषियों की दया याचिका के अधिकार की समीक्षा किये जाने की जरूरत बतायी।
हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक को सामूहिक बलात्कार के बाद जलाकर मारने तथा उन्नाव बलात्कार पीड़िता को दिन दहाड़े जलाने की दुस्साहसिक और बर्बर घटनाओं के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से देश भर में लोग आक्रोशित हैं। इसी बीच हैदराबाद बलात्कार मामले के चारों आरोपियों के आज तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने से देश में एक नयी बहस शुरू हो गयी। उधर निर्भया बलात्कार मामले में फांसी की सजा सुनाये गये चार दोषियों में से एक की दया याचिका पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार की सिफारिश पर अपनी राय राष्ट्रपति को भेज दी है। दिल्ली सरकार ने इस मामले में दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज कर दिया है।
राजस्थान में ब्रह्माकुमारी संस्था की तरफ से महिला सशक्तीकरण पर शुक्रवार को आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में श्री कोविंद ने भी महिलाओं के प्रति बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं पर गहरी चिंता जतायी। उन्होंने सख्त संदेश देते हुए कहा कि पाेक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म के दोषियों काे दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस अधिकार की समीक्षा करने की जरूरत पर बल दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरे समाज की है ।
लोकसभा में सदस्यों ने महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म की नृशंस घटनाओं पर चिंता जतायी और सरकार से इस दिशा में ठोस उपाय किये जाने की मांग की। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पूरे देश में सामूहिक बलात्कार के मामलों को लेकर भयंकर रोष होने के बावजूद इस जघन्य अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।