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अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए, सरकार ने बजट मे किये ये खास उपाय

नयी दिल्ली, मोदी सरकार ने अपने बजट में ग्रामीण अंचलों और किसानों की आय में बढ़ोतरी,सुस्त पड़ गई अर्थव्यवस्था को मांग बढ़ाकर फिर से पटरी पर लाने के लिए मध्यम वर्ग की जेब में अधिक पैसा उपलब्ध कराने के लिए नयी आयकर व्यवस्था के साथ ही बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ करने पर जोर दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अपना दूसरा आम बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र को मजबूत करने , मध्यम वर्ग को राहत देने तथा बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सरकारी खर्च को बढ़ाने के उपायों की घोषणा की लेकिन शेयर बाजार को यह रास नहीं आया । सेंसेक्स एक हजार अंक डूब गया और निवेशकों को साढ़े तीन लाख करोड रुपए से अधिक की चपत लगी।
सुश्री सीतारमण ने 30 लाख 42 हजार 230 करोड़ रुपए का बजट अनुमान पेश करते हुए कहा कि 2020-21 में वित्तीय घाटा कुल सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) का साढ़े तीन प्रतिशत अर्थात सात लाख 96 हजार 377 करोड रुपए रहने का अनुमान है। राजस्व घाटा 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। राजस्व प्राप्तियां 22.46 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने 11 वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गई देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार को अगले वित्त वर्ष में फिर से सुधार के पथ पर लौट आने की उम्मीद जताते हुए नाॅमिनल सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) दस प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। कल आर्थिक समीक्षा में भी आगामी वित्त वर्ष में जीडीपी चालू वित्त वर्ष की तुलना में करीब डेढ़ प्रतिशत बढ़कर साढ़े छह प्रतिशत तक रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एक तरफ जहां विभिन्न मदों में अधिक से अधिक धनराशि उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, वहीं दूसरी तरफ यह ध्यान भी रखा है कि वित्त मोर्चे पर अधिक दिक्कतें नहीं आयें। बजट में व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए नयी कर प्रणाली का ऐलान किया गया है। करदाताओं को इस बात की छूट रहेगी कि वह अपनी इच्छा से पुरानी अथवा नयी व्यवस्था में से किसी एक को अपना सकते हैं। नयी कर व्यवस्था अपनाने से अधिक आय वालों की जेब में अधिक पैसा आयेगा।
बजट में सरकार के लिए राहत की बात यह है कि आगामी वर्ष में खाद्य सब्सिडी 37.27 प्रतिशत घटकर एक लाख 84 हजार 220 करोड़ रुपए की तुलना में एक लाख 15 हजार 570 करोड रुपए रह जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है। कुल सब्सिडी 24.50 प्रतिशत घटकर 2019-20 के तीन लाख एक हजार 694 करोड रुपए से घटकर दो लाख 27 हजार 794 करोड रुपए रह जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
पाकिस्तान के साथ संबंधों में बड़े तनाव के बावजूद रक्षा बजट में नये वित्त वर्ष में केवल छह प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है । इसे 2019-20 के बजट अनुमान तीन लाख पांच हजार 296 करोड रुपए से बढ़ाकर तीन लाख 23 हजार 53 करोड रुपए किया गया है। कृषि और ग्रामीण विकास के लिए दो लाख 99 हजार 552 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2020-21 के बजट में करों में बढ़ोतरी किये जाने से सिगरेट, चबाने वाले तंबाकू उत्पाद, आयातित खाद्य तेल, पंखा, जूते, इलेक्ट्रिक वाहन, खिलाने और किचनवेयर महँगे हो जायेंगे। वहीं दूसरी तरफ कर कम किए जाने से न्यूज प्रिंट, खेल सामान और माइक्रोफोन आदि सस्ते भी होंगे। शुल्कों में बढ़ोतरी से आयातित मक्खन घी, बटर ऑयल, खाद्य तेल, पीनट बटर, संरक्षित आलू, चूइंगगम, डायटरी सोया फाईबर, अखरोट, फुटवियर, शेवर्स, हेयर क्लीपर, बाल हटाने के उपकरण, टेबलवेयर, किचनवेयन, वाटर फिल्टर, ग्लासवेयर, कच्चे नगर, पेडलाक्स, कंघा, हेयरपिंस, कर्लिंग पिंस, टेबल, छत और पेडस्टल पंखे, वाटर हीटर, हेयर ड्रायर्स, ओवेंस, कॉफी और टी मेकर्स, टोस्टर्स, खिलौने, स्टेशनरी, कृत्रिम फूल आदि महँगे हो जायेंगे।