नई दिल्ली,निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। पुराने डेथ वारंट के अनुसार सभी दोषियों को मंगलवार सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जानी थी। कोर्ट के फैसले के बाद फिलहाल यह टल गई है।
सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के तुरंत बाद दोषी पवन गुप्ता ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। दोषियों की 3 मार्च को फांसी टालने की याचिका पर सोमवार हुई सुनवाई में दोषी के वकील एपी सिंह ने दलील दी कि जब तक राष्ट्रपति की ओर से कोई फैसला नहीं लिया जाता, तब तक अदालत डेथ वॉरंट पर रोक लगाए। इस पर तिहाड़ प्रशासन ने कोर्ट सेे कहा- अब जज का कोई रोल नहीं, राष्ट्रपति हमसे रिपोर्ट मांगेंगे, तब तक दोषियों की फांसी रुकी रहेगी। कोर्ट ने दोषियों के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि आप आग से खेल रहे हैं।
ट्रायल कोर्ट ने मंगलवार सुबह 6 बजे फांसी देने के वॉरंट पर रोक लगाने के लिए दायर दोषी अक्षय सिंह की याचिका ठुकराई। उसने भी शनिवार को राष्ट्रपति के पास नई दया याचिका लगाने की बात कही थी। अब चारों दोषियों ने विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय सिंह सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं।
अदालत ने क्यूरेटिव और दया याचिका लगाने में हुई देरी को लेकर पवन के वकील एपी सिंह को फटकार लगाई। जज ने कहा- किसी की तरफ से एक भी गलत कदम उठाया तो नतीजे आपके सामने होंगे। अदालत ने सिंह से कहा- आप आग से खेल रहे हैं। चेत जाइए।
तिहाड़ प्रशासन ने अदालत को बताया- दया याचिका दाखिल करने के बाद राष्ट्रपति उनसे स्टेटस रिपोर्ट मांगेगे, जिसेस फांसी पर अपने-आप ही रोक लग जाएगी। अब गेंद सरकार के पाले में है और अदालत की इसमें कोई भूमिका नहीं है।
अदालत ने अगले आदेश तक चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगाई। अब डेथ वॉरंट के मुताबिक 3 मार्च को सुबह 6 बजे दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकेगी।
तिहाड़ प्रशासन ने बताया कि सोमवार को पवन जल्लाद ने जेल में चारों दोषियों की डमी देने की प्रक्रिया पूरी की। 27 और 12 जनवरी को भी दोषियों की डमी को फांसी दी गई थी। दोनों बार तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने यह प्रक्रिया पूरी की थी। यह प्रक्रिया दोषी को फांसी देने के पहले की रिहर्सल मानी जाती है। चारों दोषियों की डमी उनके वजन के हिसाब से तैयार की गई।