नयी दिल्ली, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल महानिदेशक ए पी माहेश्वरी ने कहा है कि आसमान से निगरानी रखने वाले उपकरणों की मदद से सुरक्षा एजेंसियां अब नक्सलियों के गढ़ों में भीतर तक जा रही हैं क्योंकि इन नयी क्षमताओं से “रियल टाइम” सूचना मिलने से सुरक्षा बलों को नक्सलियों के आवागमन के बारे में जानकारी मिलती है।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ ने नवीनतम मानव रहित विमान (यूएवी) और थर्मल स्कैनर खरीदे हैं और शीर्ष माओवादी बल कई स्रोतों से मिलने वाली जमीनी खुफिया जानकारी के साथ इन उपकरणों का उपयोग कर रहा है। सीआरपीएफ के महानिदेशक ने कहा कि वाम चरमपंथ को समाप्त करने के लिए उनके बल, राज्य पुलिस इकाइयों और खुफिया एजेंसियों के बीच एक नया “तालमेल और सहयोग” पर काम किया जा रहा है।
माहेश्वरी ने बताया, “कुछ ख़ुफ़िया एजेंसियां हैं जो हवाई सर्वेक्षण में अच्छी हैं और हमने उन क्षमताओं को जमीनी बलों के साथ एकीकृत किया है और जब हम ऑपरेशन करते हैं, तो वे हवाई सर्वेक्षण के जरिये उनके (माओवादियों) के स्थानों के बारे में हमें बताते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘आसमान से रियल टाइम निगरानी और उन्हें अन्य जानकारी से इसका एकीकरण हमारे द्वारा किए गए कुछ बड़े बदलाव हैं और यही एक कारण है कि हम हाल ही में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के गढ़ में भीतर तक जाने में सक्षम हुए।”
1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी ने कहा कि उनके बल और अन्य एजेंसियों ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि सुरक्षा बल नक्सली गढ़ों में भीतर तक नहीं पहुंच सकते। उन्होंने कहा, “हमें अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। नक्सलियों के खिलाफ युद्ध अब धारणा और सामाजिक एकीकरण का युद्ध है।” माहेश्वरी ने अपनी हालिया छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान अपनी इकाइयों और अन्य बलों को राज्य के दक्षिण बस्तर क्षेत्र जैसे मुख्य नक्सल क्षेत्रों पर प्रहार करने का निर्देश दिया।
अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को एक कोर क्षेत्र में अभियान के दौरान हुई एक मुठभेड़ में कम से कम 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि उनके शव रविवार मिले। महानिदेशक ने कहा कि सीआरपीएफ के क्षेत्रीय कमांडरों को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ तालमेल बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है ताकि माओवादियों के खिलाफ “संयुक्त और अच्छी तरह से निर्देशित ऑपरेशन” शुरू किया जा सके।