Breaking News

ठीक एक महीने पहले सरकार ने कोरोना को लेकर कही थी ये बड़ी बात ?

नई दिल्ली, आज 13 अप्रैल है, इससे ठीक एक महीने पहले यानि 13 मार्च 2020 को भारत सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर  एक बड़ा बयान दिया था।

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि कोरोना वायरस भारत के लिये हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।

सरकार का उस समय दिया गया यह बयान दर्शाता है कि सरकार को या तो सही स्थिति का ज्ञान नही था या सरकार इस विषय पर अपेक्षाकृत

गंभीर नही थी?

अब उस दिन 13 मार्च

की कोरोना संक्रमण की स्थिति भी जान लेतें हैं।

उस दिन तक भारत में घातक हो चुके कोरोना वायरस से दूसरी मौत हो चुकी थी।

चिली में कोरोना वायरस से 7213 संक्रमित, 80 की मौत

और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 84 हो गई थी।

इन 84 मौतों में दिल्ली और कर्नाटक मे हुई एक-एक मौत शामिल है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ही दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत कम से कम 13 राज्यों/केंद्र शासित

प्रदेशों में कोरोना के मामले मिल चुके थे।

लेकिन सरकार ने इसे हेल्थ इमरजेंसी नहीं करार दिया था क्योंकि सरकार को आता हुआ संकट दिखायी नही दे रहा था।

जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन दो दिन पूर्व यानि 11 मार्च को इसे वैश्विक महामारी घोषित कर चुका था।

लेकिन ठीक छह दिन बाद, यानि 19 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी  राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बोलतें हैं कि पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत

बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है।

पीएम को शायद सरकार की गलती का एहसास हो चुका होता है और वह आगे कहतें हैं कि, लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है

जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है। वैश्विक महामारी  कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।

उत्तर प्रदेश में पूर्व सभासद की दुकान से भारी मात्रा में शराब बरामद, बेटा गिरफ्तार

इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है।

मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू।

जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू।

साथियों, हमें अभी अपना सारा सामर्थ्य कोरोना से बचने में लगाना है।…….

22 मार्च को जनता कर्फ्यू के साथ ताली थाली भी बजती है।

पर इसके बाद तो सरकार की हड़बड़ी और बड़ी समस्यायें खड़ी करती है।

एक दिन के जनता कर्फ्यू के लिये जो पीएम तैयारी के लिये दो दिन का समय देता है, वही पीएम जनता को 21 दिन के लाकडाऊन के लिये 4

घंटे का भी समय नही देता है। जिसका सबसे बड़ा खामियाजा दिहाड़ी मजदूरों को झेलना पड़ता है।

पीएम मोदी  24 मार्च को रात्रि  8 बजे अपने दूसरे संबोधन में कहतें हैं कि हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हिंदुस्तान के हर नागरिक को

बचाने के लिए आज रात 12 बजे से, घरों से बाहर निकलने पर, पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है। देश के हर राज्य को, हर केंद्र शासित प्रदेश

को, हर जिले, हर गांव, हर कस्बे, हर गली-मोहल्ले को अब लॉकडाउन किया जा रहा है।”

बुलंदशहर में कोरोना वायरस के 13 पॉजिटिव

उन्‍होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी। लेकिन एक-एक भारतीय के जीवन को

बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की, सबसे बड़ी प्राथमिकता है इसलिए मेरी

आपसे प्रार्थना है कि आप इस समय देश में जहां भी हैं, वहीं रहें। अभी के हालात को देखते हुए, देश में ये लॉकडाउन 21 दिन का होगा।”

अब जनता को पीएम नरेंद्र मोदी  के अगले संबोधन का इंतजार है, जो संभवत: 14 अप्रैल को हो सकता है।

यूपी के इस जिले में लगी आग ,कई घर जले, लाखों रुपए का नुकसान