बच्चों ने बनाया वेंटिलेटर और स्वयंचलित हैंड सैनिटाइजर मशीन
April 18, 2020
नयी दिल्ली , चिकित्सा कर्मचारी एवं कोविड-19 मरिजों के बीच सम्पर्क कम से कम हो इसलिए हरियाणा के पूराने अंबाला में रहने वाले विनायक और कार्तिक तारा ने वेंटीलेटर और स्वयंचलित वॉटर/ सैनिटाइजर डिस्पेन्सर तैयार की है।
विनायक की उम्र 8 साल और कार्तिक 12 साल का है। कम से कम लागत में तैयार होनेवाला यह सैनिटाइजर मशीन अस्पताल, सब्जी मंडी, किराना दुकान, पुलिस थाने तथा पुलिस वैन में भी लगाया जा सकता है। ये दोनो भाई चंडीगढ के एज्युटेक स्टार्टअप रोबोचॅम्प्स में रोबोटिक्स विषय का 4 साल का कोर्स कर रहे हैं।
देशभर में कोविड के मरीजों का इलाज करते वक्त बहुत सारे डाक्टर, नर्सों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों में कोविड विषाणू का संक्रमण हुआ है। रोजमर्रा की चीजे खरीदने के लिए रस्ते पर आनेवाले लोगों के माध्यम से भी इस विषाणू का समाज संक्रमण हो सकता है। इसलिए, संक्रमण को रोकने के लिए तथा फ्रंटलाइन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए इन दोनों ने स्वयंचलित सैनिटाइजर डिस्पेन्सर का प्रोटोटाइप तैयार किया है जो 2 सेंटीमीटर की दूरी से ही उसके सामने आए हाथ हो भाँप लेता है। मॉल के ऑटोमैटिक नल जिस तरह काम करतें है ठीक उसी तरह यह काम करता है लेकिन इसकी विशेषता यह है की इसे बनाने में ज्यादा से ज्यादा 850 रुपए लगते हैं।
इन बच्चों को मार्गदर्शन करने वाली संस्था रोबोचॅम्प्स जल्द से जल्द ऐसे हजारों उत्पाद बनाना चाहता है और इसके लिए भारत सरकार के समर्थन की अपेक्षा करता है। उसी तरह से अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सा कर्मचारियों के लिए इन बच्चों ने मोबाइल ऐप से जोडकर चलने वाला वेंटीलेटर भी तैयार किया है। ऐप के उपयोग से वेंटीलेटर पर ध्यान रखना तथा उसका नियमन करना बहुत ही आसान हो जाता है। इस वेंटीलेटर का पूरा डिजाइन इस तरह बनाया गया है जो बहुत ही किफायती यानी ज्यादा से ज्यादा 1560 रुपए में तैयार हो जाता है1 इसके वर्किंग प्रोटोटाइप का सफलता से परीक्षण हो चुका है। इन ऑटोमेटेड मशीनों की कल्पना, डिजाइन और उन्हे तैयार करने में रोबोचॅम्प्स के संस्थापक अक्षय अहूजा ने इन दो भाईयों मार्गदर्शन किया है।