नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह और हवाई अड्डों का संचालन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर निजी हाथों में सौंपने के लिए तीन महीने में बोली प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये हैं।
श्री मोदी ने यहां नागरिक उड्डयन क्षेत्र के मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये। इस बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।
श्री मोदी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजस्व प्राप्ति तथा हवाई अड्डों के संचालन में दक्षता बढ़ाने के लिए छह और हवाई अड्डों को पीपीपी मॉडल में शामिल करने के काम में तेजी लाई जाये। उन्होंने इसके लिए तीन महीने में निविदा जारी कर बोली प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल फरवरी में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम् और गुवाहाटी हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए बोली प्रक्रिया पूरी की गयी थी। सभी छह हवाई अड्डों के लिए अडाणी समूह का चयन किया गया था। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के निदेशक मंडल ने पिछले साल छह और हवाई अड्डों अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिचि हवाई अड्डों को पीपीपी मॉडल में निजी हाथों में सौंपने की मंजूरी दी थी, लेकिन अभी इनके लिए निविदा जारी नहीं की गयी है।
बैठक में भारतीय वायु क्षेत्र का बेहतर इस्तेमाल कर हवाई यात्राओं का समय कम करने का भी फैसला किया गया। इससे जहां यात्रियों को सुविधा होगी, वहीं ईंधन और श्रमबल की लागत के मामले में विमान सेवा कंपनियों को भी फायदा होगा। इस काम में सैन्य मामले विभाग का भी सहयोग लिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि सैन्य ठिकानों के आसपास कई वायु क्षेत्र प्रतिबंधित होने के कारण विमानों को लंबा रास्ता तय कर जाना होता है जिससे यात्रा में अधिक समय लगाता है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ई-डीजीसीए परियोजना की भी समीक्षा की गयी। इस परियोजना का उद्देश्य महानिदेशालय के काम में पारदर्शिता लाना है।