Breaking News

मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री ने दिये ये खास निर्देश

लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी कामगारों और श्रमिको को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये “एक जिला एक उत्पाद” से जोड़ने के निर्देश दिये है।

श्री योगी ने लोक भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों तथा श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इन्हें एक जिला-एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा दुग्ध समितियों से जोड़ा जाए।

उन्होंने कहा कि राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी योजना से प्रदेश के जुड़ जाने से यहां रह रहे महाराष्ट्र के मूल निवासियों ने खाद्यान्न प्राप्त किया है। इसी प्रकार गोवा और कर्नाटक राज्यों में प्रदेश के मूल निवासियों ने इस योजना का लाभ उठाकर वहां खाद्यान्न प्राप्त किया। उन्होंने इस योजना के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरुक करने के निर्देश दिए, ताकि वे इसका लाभ ले सकें।

श्री योगी विभिन्न राज्यों से वापस आ रहे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए स्थापित क्वारंटीन सेन्टर, आश्रय स्थलों तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्थाओं में जिलाधिकारी को सहयोग करने के लिये वरिष्ठ आई0ए0एस0 तथा वरिष्ठ पी0सी0एस0 अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में लोगों के लिए कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अलग-अलग अधिकारियों द्वारा क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया जाए। इनमें साफ-सफाई तथा सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किए जाएं।

उन्होंने कहा कि कम्युनिटी किचन पहले से ही जियो टैग हो चुके हैं। क्वारंटीन सेन्टर को भी जियो टैग किया जाए। इसका लाभ यह होगा कि राहत कन्ट्रोल रूम की वीडियो वाॅल से क्वारंटीन सेन्टर की लोकेशन तथा वहां पर संचालित कार्रवाई की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ चेकअप में स्वस्थ पाये गये लोगों को 14 दिन की होम क्वारंटीन के लिए घर भेजते समय राशन किट उपलब्ध कराया जाए। निराश्रित व्यक्तियों को राशन किट के साथ एक एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से ग्राम प्रधानों तथा नगरों के पार्षदों से संवाद स्थापित करते हुए निगरानी समितियों के द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी बाहरी व्यक्ति यदि चोरी-छिपे उनके क्षेत्र में आए तो वे प्रशासन को सूचित करें।