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यूपी: कोरोना संक्रमण में अव्वल इन 11 जिलों पर सीएम सख्त, मांगी रिपोर्ट

लखनऊ , उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में अव्वल 11 जिलों के नोडल अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को निर्देश दिये कि वे प्रभावित जिलों में संक्रमण और मृत्यु दर की अधिकता के कारणों की जांच कर पांच दिनों में रिपोर्ट प्रेषित करें।

श्री योगी ने कोविड-19 प्रभावित 11 जिलों के लिए नवनियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि आगरा, मेरठ, कानपुर नगर, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बुलन्दशहर, झांसी व बस्ती में टीम भेजी जा रही है। यह ऐसे जिलें हैं, जहां कोरोना संक्रमण के ज्यादा केसेज़ सामने आ रहे हैं। वहां पर एक प्रशासनिक अधिकारी और एक चिकित्सक की टीम भेजी जा रही है।

उन्होने निर्देश दिये कि टीम के सदस्य सम्बन्धित जिलों में संक्रमण तथा मृत्यु दर की अधिकता के कारकों का आकलन करके पांच दिन के अंदर अपनी समग्र रिपोर्ट उपलब्ध कराए, जिससे योजना बनाकर इन जिलों में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के सम्बन्ध में निर्देश दिया जा सके। उन्होंने कहा कि जिलों में भेजी जा रही टीम कोविड-19 के संक्रमण की चेन तोड़ने, इसके प्रसार पर नियंत्रण के लिए गम्भीरता से प्रयास करे। उन्होंने कहा कि पूरी सावधानी बरतकर कोविड-19 के संक्रमण व मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में भेजी जा रही टीम द्वारा वहां पर कोविड-19 के सम्बन्ध में सर्विलांस सिस्टम तथा विभिन्न स्तरों के चिकित्सालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित करे। उन्होंने कहा कि बेहतर सर्विलांस सिस्टम तथा चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करके पूर्वी उत्तर प्रदेश में होने वाले इंसेफेलाइटिस के प्रकोप को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है।

उन्होने कहा कि पिछले तीन सालों में विभिन्न स्तरों पर सावधानी बरतने से इंसेफेलाटिस के संक्रमण में 60 प्रतिशत तथा इससे होने वाली मृत्यु में 90 प्रतिशत की कमी आयी है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों का संचालन कराया गया। स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया। इसके अलावा, चिकित्सा शिक्षा, नगर विकास, पंचायतीराज, बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार आदि विभागों द्वारा कार्यवाहियां की गईं। इसके तहत स्वच्छता, जागरूकता, खुले में शौच के खिलाफ अभियान, पुष्टाहार की उपलब्धता, प्राथमिक, सामुदायिक तथा जिला चिकित्सालयों को सुदृढ़ करने के लिए कार्य किया गया। सभी गतिविधियों का माइक्रो मैनेजमेन्ट किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण में भी ऐसी ही प्रभावी व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आपदा का यह समय, एक ऐसा अवसर है, जिसमें प्रशासनिक मशीनरी तथा हेल्थ वाॅरियर्स अपनी कार्य कुशलता का प्रदर्शन कर अपने प्रति जनविश्वास को दृढ़ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को हर हाल में रोका जाना है। ऐसे में, कोविड-19 संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को भी घर में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे संक्रमण के प्रसार की आशंका बनी रहती है। राज्य में एल-1, एल-2 व एल-3 के कोविड अस्पतालों में 01 लाख से अधिक बेड उपलब्ध हैं। संक्रमण को रोकने के लिए कोविड-19 संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को भी अस्पताल में रखा जाना चाहिए।