Breaking News

दस महीने से फरार इस खूंखार बदमाश, पुलिस की पकड़ से बाहर

अलवर, राजस्थान में अलवर जिले के बहरोड़ थाने में एके -47 से फायरिंग करके लॉकअप से फरार हुआ राजस्थान और हरियाणा का चार लाख रुपये का इनामी कुख्यात बदमाश विक्रम उर्फ़ पपला गुर्जर का 10 महीने बाद भी पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई है।
पपला को ढूंढने में नाकाम रही राजस्थान और हरियाणा पुलिस कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि आख़िरकार पपला को राजस्थान पुलिस कब गिरफ्त में ले पायेगी। जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुख्यात बदमाश विकास दुबे को सात दिन में गिरफ्तार कर लिया और शुक्रवार को मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया, लेकिन राजस्थान पुलिस विक्रम पपला के सामने असहाय नहर आती है। पपला हरियाणा में भी न्यायालय में पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर फरार हुआ था जिसमें चार पुलिस कर्मियों को गोली लगी थी।
पपला गुर्जर पर राजस्थान पुलिस ने एक लाख एवं हरियाणा पुलिस ने तीन लाख रुपये का ईनाम घोषित किया है।
राजस्थान की एसओजी सहित सभी सुरक्षा एजेंसियों के लिए विक्रम पपला अभी भी चुनौती बना हुआ है जिससे अलवर और राजस्थान पुलिस सवालों के घेरे में है। सवाल उठ रहा है कि पुलिस चुपचाप क्यों बैठी है। 10 महीने के बाद भी उसके हाथ खाली हैं।
पपला गुर्जर फरारी मामले में दो पुलिसकर्मियों हैड कांस्टेबल विजय कुमार और रामावतार को नौकरी से बर्खास्त किया गया, लेकिन उनकी अब तक गिरफ्तारी नहीं की गई जबकि एसएचओ सुगन सिंह और डीएसपी जनेश सिंह तंवर सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलम्बित किया गया था। बहरोड़ थाने के 69 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया था।
विकास दुबे की की मौत के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर राजस्थान एवं हरियाणा की पुलिस छह सितंबर, 2019 में बहरोड़ थाने की लॉकअप में बंद पपला गुर्जर को दो दर्जन बदमाश बहरोड़ थाने में एके 47 और अत्याधुनिक हथियारों से ताबड़तोड़ फायरिंग करके पपला को छुड़ाकर ले गये, इसके बाद से वह पुलिस के सामने चुनौती बना हुआ है। आखिरकार पपला गुर्जर को कौन शरण दे रहा गई जिसकी वजह से राजस्थान और हरियाणा पुलिस उस तक नही पहुँच पा रही है।
हालांकि पपला एवं उसके साथियों को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस, एसओजी तथा एटीएस के कई दल लगाये गये। इन दलों ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में छापेमारी की और केंद्रीय ख़ुफ़िया एजेंसियों की मदद लेकर पुलिस के दश्ते नेपाल सीमा तक पहुंचे,लेकिन पपला गुर्जर अब तक पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है।