रायबरेली, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने जम्मू कश्मीर में शहीद जवान शैलेन्द्र प्रताप सिंह के शौर्य को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी तथा जिले की एक सड़क का नाम शहीद शैलेंद्र प्रताप के नाम पर रखने की घोषणा की है।
रायबरेली के डलमऊ के मीर मीरानपुर मजरे अल्हौरा गांव निवासी सीआरपीएफ के जवान शैलेंद्र प्रताप सिंह सोमवार को आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। जवान की शहादत की खबर सुनकर उनके घर सांत्वना देने वालों का तांता लग गया। मंगलवार को शहीद का पार्थिक शरीर परिवारजनों को सौंपा जाएगा।
शहीद शैलेंद्र के पिता नारेंद्र बहादुर सिंह आइटीआइ में नौकरी करते थे। तीन साल पहले ही वह सेवानिवृत्त हुए हैं। शैलेंद्र की तीन बहनों में से दो की शादी हो चुकी है। छोटी बहन का रिश्ता भी इसी नवरात्र में तय होना था, लेकिन उसके पहले ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शहीद का परिवार पहले गांव में रहता था। अब उनके पिता ने शहर में ही मलिकमऊ में आवास बना लिया है। शैलेंद्र की पत्नी चांदनी और सात साल का बेटा कुशाग्र भी यहीं रहते हैं।
जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मंगलवार को यहां बताया कि श्रीनगर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए शैलेन्द्र सिंह का पार्थिव शरीर आज रायबरेली पहुचेगा। सम्भावना है कल उनका अंतिम संस्कार डलमऊ घाट पर होगा। उन्होंने बताया कि जवान का पार्थिव शरीर श्रीनगर से दिल्ली फिर लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचेगा। शहीद का पार्थिव शरीर लखनऊ से सड़क मार्ग होते हुए रायबरेली आएगा जहाँ उसके मालिकमऊ स्थित आवास पर श्रद्धांजलि व राजकीय सम्मान के लिए रखा जाएगा। शहीद के परिजनों से सहमति के बाद कल डलमऊ गंगा घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार किया जायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के अनुसार शहीद के परिजनों के खाते में 50 लाख रुपए जिला अधिकारी ने ट्रांसफर कर दिये है।
उन्होंने बताया कि शहीद शैलेन्द्र सिंह पुत्र नरेंद्र बहादुर सिंह जो कि मीर मिरानपुर अलौरा जिला रायबरेली के मूल निवासी थे। उनके परिवार में एक मात्र आठ साल का पुत्र कुशाग्र और पत्नी चांदनी सिंह समेत तीन बहने और भरापूरा परिवार है। उनकी दो बहनों की शादी हो चुकी है। मां भारती के इस वीर जवान को श्रद्धांजलि देने इनके रायबरेली शहर स्थित मालिकमऊ आवास पर लोगो का तांता लगा है।
आतंकी हमले में रायबरेली के रहने वाले शैलेंद्र प्रताप सिंह 110 सीआरपीएफ में तैनात थे। शैलेंद्र की शादी 10 वर्ष पहले चांदनी के साथ हुई थी। उनके पीछे उनका एक सात साल का पुत्र कुशाग्र, तीन बड़ी बहन शीलू सिंह, प्रीति सिंह और ज्योति सिंह के साथ पूरा परिवार है। इस घटना की जानकारी मिलते ही रायबरेली में शोक की लहर दौड़ गई।
शहीद शैलेंद्र सिंह 2008 में देश की सेवा के लिए सीआरपीएफ में भर्ती हुआ थ। 15 अक्टूबर को शैलेंद्र सिंह छुट्टी पर घर आने वाले थे और परिवार उनके आने का बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे. लेकिन उनके शहादत की खबर से घर में कोहराम मच गया.