नयी दिल्ली, कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए इन दिनाें लोग काढ़े को एक विकल्प के रूप में देखने लगे हैं लेकिन साथ ही इस संबंध में लगातार खबरें भी आती रहती हैं कि लंबे समय तक काढ़े के सेवन से लीवर खराब हो जाता है। इन खबरों से काढ़े के प्रति लोगों के मन में एक संदेह उपजने लगा है लेकिन आयुष मंत्रालय ने इन खबरों को आधारहीन बताते हुए मंगलवार को कहा कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि काढ़े के सेवन से लीवर खराब होता है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने मंगलवार को आयोजित स्वास्थ्य मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रींफिग में कहा कि काढ़ा जिन चीजों से बनता है, वे सब अलग -अलग प्रकार के वायरस के रोधी हैं। कोविड-19 को लेकर अभी अध्ययन जारी है इसलिए इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है कि कोरोना मरीजों पर काढ़े का क्या असर है। काढ़ा हालांकि, श्वसन प्रणाली पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह गलत धारणा है कि काढ़ा लीवर खराब करता है। इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि काढ़े से लीवर खराब होता है।
उन्होंने कहा,“ काढ़े के अंदर चार चीजें होती हैं। दालचीनी, तुलसी, कालीमिर्च और सोंठ। ये चारों चीजें घर में मसालों के रूप में भी प्रयोग की जाती हैं। किसी व्यक्ति की अगर तासीर गर्म हो तो वह काढ़े के साथ गुड़, मिश्री या मुनक्का डाल के लें तो ठीक रहेगा। यह धारणा गलत है कि काढ़े से लीवर खराब होगा।”