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भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का असली चेहरा जनता के सामने: कांग्रेस

लखनऊ , कांग्रेस की महिला नेताओं ने बुधवार को एक सुर में हाथरस की घटना पर योगी सरकार के रवैये की भर्त्सना करते हुये कहा कि इस घटना ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के असली चेहरे को जनता के सामने ला दिया है।

यूपी कांग्रेस के दफ्तर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं पूर्व राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल ने कहा “ भाजपा के नेता बेटियों और पीड़िता को लेकर जो बयान दे रहे हैं वह पीड़ादायक है। लचर कानून व्यवस्था और अपराधियों पर राजनीतिक संरक्षण के चलते यूपी में अपराध बढ़ रहे हैं। भाजपा के लोग बलात्कारियों के समर्थन में उतरते आये हैं जो बेहद शर्मनाक है। पूरी प्रशासनिक व्यवस्था आज पीड़िता के बजाए आरोपियों के पक्ष में उतर आयी है। प्रदेश का रावणराज आज खुलकर सामने आ गया है। ”

उन्होने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा हाथरस के पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने गये तो उनके साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी हुई है। मुख्यमंत्री को समझना चाहिये कि आज जिस जनता ने आपको सत्ता दी है वही जनता कल आपको पलट देगी।

महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सुष्मिता सेन ने कहा कि हाथरस की घटना को लेकर उच्चतम न्यायालय में यूपी सरकार द्वारा दाखिल हलफनामा झूठ का पुलिन्दा है। आश्चर्यजनक तो यह है कि नोटिस जारी होने के पहले ही सरकार 136 पेज का हलफनामा दाखिल करती है, वह हाथरस की मृतका जिसके साथ रेप हुआ उसे न्याय मिले, पीड़ित परिवार को सुरक्षा मिले इसके लिए नहीं बल्कि योगी सरकार को कैसे बचाया जाए इसके लिए दाखिल किया गया जो सफेद झूठ है।

हलफनामा में योगी सरकार ने कहा कि मृतका के शव का परिवार की रजामंदी से अंतिम संस्कार किया गया जबकि पूरे देश ने देखा कि कैसे उसके शव को केरोसीन डालकर जला दिया गया और परिवार वाले रोते रहे। हलफनामे में दूसरा झूठ कि दो-दो फोरेंसिंक जांच 22 सितम्बर के बाद हुईं। 22 सितम्बर के बाद हुई फोरेंसिक जांच में रेप की पुष्टि नहीं हुई। जबकि मृत्यु के पूर्व दिये गये बयान में खुद मृतका ने कहा कि उसके साथ रेप हुआ है और गैंगरेप हुआ है। यूपीए सरकार में 2013 में निर्भया काण्ड के बाद सीआरपीसी में बदलाव करते हुए रेप के प्रयास को भी रेप माना है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज तक जो भाजपा के प्रवक्ता और नेता सीना ठोंक रहे थे कि त्वरित कार्यवाही की गयी वह यह सच जान लें कि योगी सरकार ने जो एसआईटी का गठन किया था और 7 दिन में रिपोर्ट देने वाली थी उसका समय 10 दिन बढ़ा दिया गया है। सीबीआई जांच का अभी तक नोटीफिकेशन नहीं हुआ है। पूर्व में जिन मामलों में सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी थी उनका आज तक नोटीफिकेशन नहीं हुआ है।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने कहा कि योगी सरकार महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने में और महिलाओं की रक्षा करने के प्रति कितनी उदासीन है कि पिछली छह अगस्त को समाप्त महिला आयोग के कार्यकाल को बढाने का फैसला आज तक नहीं लिया गया है। आज की तारीख में महिला आयोग का वैधानिक रूप से कोई अस्तित्व नहीं है। उनके पदाधिकारियों को कोई भी संवैधानिक अधिकार नहीं रह गया है।