नयी दिल्ली ,केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि दुनियाभर में वैज्ञानिक पूरी लगन से कोरोना वैक्सीन विकसित करने में जुटे हैं और देशभर में 30 जगहों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि दुनियाभर में 200 जगहों पर वैक्सीन का परीक्षण हो रहा है और भारत में 30 जगहों पर परीक्षण हो रहा है। दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन के नौ कैंडिडेट परीक्षण के उन्नत चरणों में हैं, जिनमें से तीन वैक्सीन का परीक्षण उन्नत चरणों में है। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि अगले साल के शुरुआती माह में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जायेगी।
केंद्रीय मंत्री ने आज शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र के भाजपा के समिति अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा ,“ हमने कोरोना की चुनौती को अवसरों में बदला है और स्वास्थ्य ढांचे का अभूतपूर्व विस्तार किया है। देश में प्रयोगशाला की संख्या एक से बढ़कर अब 2,000 से ज्यादा हो गई है।
प्रतिदिन 10 लाख से अधिक नमूनों की जांच की जा रही है। हमने कोविड विशेष अस्पताल, कोविड विशेष स्वास्थ्य केन्द्र और कोविड केयर सेंटर स्थापित किए। इसके अलावा, आज हम पीपीई, एन-95 मास्क और वेंटिलेटर का निर्यात कर रहे हैं।”
उन्होंने भाजपा के समिति अध्यक्षों से कोरोना से बचाव के प्रधानमंत्री के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के काम में जुट जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना का खतरा समाप्त नहीं हुआ, कुछ लोग कोरोना को समाप्ति के करीब मानते हुए एहतियात बरतने में लापरवाही कर रहे हैं। उन्हें यह नहीं मालूम कि ये लापरवाहियां उन पर भारी पड़ सकती हैं।
डॉ . हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना को शीघ्र समाप्त करने के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग तरीके से मास्क पहनें, मास्क से मुंह और नाक को ढंके रखें, बात करते समय भी मास्क नहीं उतारें, मुंह और नाक को नहीं छूएं, बार-बार हाथ धोएं, आपस में दो गज की सुरक्षित दूरी रखें और खांसते तथा छींकते हुए बाजू से बचाव करें तो कोरोना के फैलाव को आसानी से रोका जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम सभी लगातार तीन महीने पूरी तरह इन सावधानियों का पालन करें तो कोरोना के फैलाव को रोका जा सकता है।
उन्होंने समिति अध्यक्षों से कहा कि वे स्वयंसेवी संगठनों, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ संपर्क कर उन्हें कोविड अनुरूप व्यवहार के पालन का प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रेरित करें, ताकि यह संदेश क्षेत्र के कोने-कोने तक पहुंच सके।