लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिये 28 जनवरी को मतदान की संभावनायें क्षीण पड़ने लगी है।
परिषद की 12 सीटों में से दस के लिये भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सोमवार को नामांकन करेंगे जबकि सपा के दो उम्मीदवारों ने पहले ही नामांकन पत्र दाखिल कर दिये हैं। यदि भाजपा सिर्फ दस सीटों पर संतोष कर लेती है तो मतदान की नौबत नहीं आयेगी और नाम वापसी के दिन 21 जनवरी को निर्वाचित उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया जायेगा।
विधान परिषद चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से ही मतदान के आसार जताये जा रहे हैं। इसका कारण है कि सदन में संख्या बल के आधार पर भाजपा का दस सीट और सपा उम्मीदवार का एक सीट पर चुना जाना तय था। यदि भाजपा 11वां उम्मीदवार उतारती है तो सपा को 12वीं सीट पर जीत के लिये कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और अन्य दलों का मुंह देखना पड़ सकता है मगर अब तक के हालात के अनुसार लगता है कि भाजपा दस सीटों पर ही संतोष करने को तैयार है और वह भी मतदान की नौबत नहीं आने देना चाहती है और अगर ऐसा होता है तो 21 तारीख को उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र देने के साथ चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो जायेगी।