नयी दिल्ली , तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर शनिवार को किसानों के तीन घंटे के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का मिलाजुला असर रहा तथा इस दौरान बड़ी संख्या में आंदोलनकारी हिरासत में लिये गये।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में चक्का जाम का प्रभावी असर दिखाई दिया जबकि अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इसका मिलाजुला असर दिखाई दिया। पंजाब और हरियाणा में अनेक स्थानों पर बंद का व्यापक असर देखा गया।
कर्नाटक में प्रस्तावित समय से पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर रहे बड़ी संख्या में किसानों एवं वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। कई स्थानों पर आंदोलनकारियों ने राजमार्गाें के बीच में ही खाना पकाने के लिए सड़क के बीचोबीच आग जला ली थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पहले फील्ड मार्शल जनरल करियप्पा के जन्मस्थान पर संग्रहालय के उद्घाटन और तला कावेरी के दौरा को देखते हुए कर्नाटक के कोडागु जिले में चक्का जाम को वापस ले लिया गया था।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) और किसान संघर्ष समिति (केएसएस) के कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में किसानों का समर्थन करते हुए चक्का जाम किया। पुलिस ने एसएसएस के अध्यक्ष राजू शेट्टी को हिरासत में ले लिया।
कोल्हापुर के मुख्य बस अड्डा के समीप दाभोलकर कॉर्नर में आंदोलनकारी एकत्र हुए और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। सड़क के दोनों तरफ आंदोलन करने वालों ने रास्ता रोक दिया। इस दौरान श्री शेट्टी और अन्य नेताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाये और कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। बाद में हालांकि पुलिस ने श्री शेट्टी समेत अन्य नेताओं को छोड़ दिया।
पुड्डुचेरी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े किसानों ने अन्ना चौराहे के पास सड़क जाम किया तथा यातायात को बाधित किया। इस दौरान पुलिस ने 25 आंदोलनकारी को हिरासत में ले लिया।
पंजाब में विभिन्न किसान संगठनों ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गाें पर 70 से अधिक स्थानों पर सड़क जाम किया। किसानों ने अमृतसर, लुधियाना, संगरूर, बठिंडा, मोहाली, पठानकोट, गुरदासपुर, नकोदर, फिरोजपुर, रोपड़ और होशियारपुर में राजमार्गाें को जाम कर यातायात बाधित किया।
इस बीच किसान संगठनों ने आज के चक्का जाम हड़ताल को सफल बताया। बंद का आह्वान 12 बजे से तीन बजे तक किया गया था। इस दौरान एक्सप्रेस वे पर वाहनों को लंबी कतारें लग गई लेकिन एम्बुलेंस को आने जाने दिया गया। कुछ स्थानों पर लोगों को खाने पीने का भी प्रबंध किया गया था।
इस आंदोलन में दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को शामिल नहीं किया गया था। चक्का जाम आंदोलन के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे और कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठन पिछले 70 दिन से अधिक से आंदोलन कर रहे हैं।