बीएसएनएल का बाजार में रहना जरूरी, अन्यथा निजी कंपनियों के बंधक बन जाएंगे उपभोक्ता
September 28, 2016
नई दिल्ली, केंद्रीय संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने कहा कि बीएसएनएल का बाजार में टिके रहना अनिवार्य है अन्यथा उपभोक्ता निजी कंपनियों के बंधक बन जाएंगे। उन्होंने किसी कंपनी का नाम लिए बगैर कहा कि निजी क्षेत्र की कंपनियों की कुछ सफलता कुछ सीमित क्षेत्र में है। ऐसे में बीएसएनएल पर बड़ी जिम्मेदारी है और वह इससे पीछे नहीं हट सकती। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मंत्रालय के स्तर पर बीएसएनएल को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही सिन्हा ने बीएसएनएल के सामने एक चुनौती भी पेश की। उन्होंने कहा कि अभी बाजार में बीएसएनएल की हिस्सेदारी 10.4 फीसदी है और यह कब तक 15 फीसदी हो जाएगी। उन्होंने कहा, आप सभी खुद तय करें, मैं बुधवार को भी आ जाऊंगा। लैंडलाईन फोन की संख्या में लगातार आ रही है गिरावट पर सिन्हा ने कहा मोबाइल का प्रचलन बढ़ने के साथ लैंडलाईन फोन की संख्या में गिरावट सिर्फ भारत में देखी जा रही है। विदेशों में ऐसा नहीं है। बीएसएनएल को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
केंद्रीय संचार राज्यमंत्री ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) से कहा है कि देश के एक लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉड-बैंड से जोड़ने का काम हर हाल में 31 दिसम्बर तक पूरा होना चाहिए। बीएसएनएल के देश भर से आए अधिकारियों के एक दो दिन के सम्मेलन को संबोधित करते हुएसिन्हा ने साफ कहा कि 31 दिसम्बर का मतलब 31 दिसंबर है, यह कतई 1 जनवरी नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़े जाने का संकल्प प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से लिया था। इस बारे में हुई प्रगति पर प्रधानमंत्री की खुद की नजर है। पहले इस योजना को 31 मार्च 2017 तक पूरा किया जाना था जिसे अब घटा कर 31 दिसम्बर तक कर दिया गया है।
सिन्हा ने कहा कि पहली तारीख को वेतन मिल जाएगा, यह अंदाज अब लोगों को छोड़ना होगा। प्रतिस्पर्धा के इस युग में उन्हें काम करके दिखाना ही होगा। सिन्हा ने कहा कि बीएसएनएल को बताना होगा कि मंत्रालय प्रदर्शन के आधार पर वेतन की योजना पर आगे क्यों नहीं बढ़े। सिन्हा ने मौके पर उत्कृष्ट सेवा करने वाले कुछ बीएसएनएल कर्मचारियों को भारत संचार सेवा पदक-2015 से सम्मानित किया। इनमें एक अब्दुल हामिद गोजरी ने 2014 में जम्मू कश्मीर में आई बाढ़ में तबाह बीएसएनएल के नेटवर्क को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई थी।