नयी दिल्ली, दिल्ली सरकार और सामाजिक संगठन अक्षय पात्रा फ़ाउंडेशन ने राजधानी के सभी रैन बसेरों में रहने वाले बेघर लोगों को दो वक़्त का भोजन मुहैया कराने के लिए रविवार को पोषाहार योजना की शुरुआत की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यहाँ सरायकाले खान स्थित दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) परिसर में इस योजना का शुभारम्भ करने के बाद कहा कि हमारे रैन बसेरों में समाज के सबसे गरीब लोग रहते हैं। ऐसे लोग जो सड़क के किनारे सोने को मजबूर रहते हैं, वे लोग मौसम की मार से बचने के लिए रैन बसेरों में रहते हैं। यहाँ रहने वाले गरीब लोग किसी भी राजनीतिक दल के वोटर नहीं होते हैं क्योंकि इनमें ज़्यादातर लोगों के पहचान पत्र नहीं बने हैं इसलिए सरकार इनकी तरफ़ ध्यान नहीं देती है लेकिन उनकी सरकार आने के बाद सबसे पहला काम इन रैन बसेरों की स्थिति में सुधार लाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि पहले रैन बसेरों की स्थिति को लेकर अक्सर सरकार को हाईकोर्ट की तरफ़ से फटकार लगाई जाती थी लेकिन जब से उनकी सरकार आई है ऐसी कोई ख़बर किसी अख़बार में नहीं देखने को मिलता है। उन्होंने स्वयं रैन बसेरों का निरीक्षण कर वहाँ के इंतेजामों को दुरुस्त किया, यही वजह है कि अब रैन बसेरों को देखकर लोग कहते हैं की दिल्ली सरकार ने सही मायने में ग़रीबों के लिए काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के 209 रैन बसेरों में करीब छह हज़ार लोग रह हैं और सर्दियों में इनकी संख्या बारह हज़ार पहुँच जाती है। सरकार ने कोविड के दौरान इन रैन बसेरों में रहने वाले लोगों के लिए खाने का इंतेजाम किया था अब अक्षय पात्रा फ़ाउंडेशन सामने आया है। यह स्कोन टेम्पल की संस्था है और ये लोग असली धर्म का काम करते हैं। भूखे लोगों को खाना खिलाना इनकी संस्था का मक़सद है। इनकी संस्था का मोटो किसी को भूखे सोने नहीं देना है। इस संस्था का देशभर में भूखों को खाना खिलाने का कार्यक्रम चलता है। उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि अक्षय पात्रा और उनकी सरकार के बीच साझा कार्यक्रम शुरू हुआ है।
उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब नागरिकों पर ध्यान देना एक ज़िम्मेदार सरकार का काम है और उनकी सरकार इस काम को ज़िम्मेदारी से कर रही है। उन्होंने ग़रीबों की मदद में हाथ बंटाने के लिए संस्थान का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।
इस मौक़े पर संस्थान के निदेशक ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली सरकार ने ग़रीबों मज़दूरों और बेसहरा लोगों के लिए बेहतरीन काम किया। इस योजना के तहत उनकी संस्थान के लिये रैन बसेरों में रहने वालों को दो वक़्त का खाना मुहैया कराना सरकार की मदद के बिना सम्भव नहीं होता।
इस मौक़े पर शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन के अलावा संस्थान के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।