अयोध्या, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर पुलिस ने संसद का घेराव कर रहे संतो पर गोलियां चलायी थी जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार ने रामभक्तों पर गोलियां चलवायी थी। यह गोलियां भारत की संस्कृति व राष्ट्रवाद की विचारधारा पर चली थी।
अयोध्या के मारवाड़ी सेवा सदन में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में रविवार को श्री सिंह ने कहा कि देश के लोगों की राम में आस्था है। यहां कण-कण में राम है। आजादी के बाद बनी कांग्रेस सरकार ने राम के अस्तित्व को नकार दिया। कांग्रेस सरकार के दौरान सोनियां गांधी ने रामसेतु को नहीं माना। आजादी के बाद शंकराचार्य की गिरफ्तारी हुई। हिन्दू आंतकवाद जैसा शब्द गढ़ा गया। खुद को हिन्दू कहने व मंदिर जाने में ये शर्म महसूस करते थे। यह सब वोट बैंक के कारण होता है। इसी कारण से अभी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने व तेरहवीं संस्कार से भी सपा का कोई नेता नहीं गया।
उन्होने कहा कि डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी जब कश्मीर जा रहे थे तो लोगो ने उन्हें रोका था। कश्मीर पहुंचने पर उनकी गिरफ्तारी हुई और शहादत भी हुई। इसके बाद जिम्मेदारी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के कंधो पर आयी। उनकी हत्या हो गयी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जिम्मेदारी सम्हालते हुए जब 1980 में भाजपा की नींव रखी तथा इसके बाद चुनाव में पार्टी की दो सीटें आयी तो उन्होने कहा कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपराध व भ्रष्टाचार मुक्त हुआ है। अब अगर कोई गरीब की झोपड़ी पर कब्जा करने का प्रयास करता है तो उसके घर पर बुलडोजर चलता है। जेल में रहने वाले गुंड़े भी अब डरते है। यूपी में अब साम्प्रदायिक दंगे नहीं होते। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में मंदिर का भूमि पूजन कर रहे थे तो एक भी पत्ता नहीं हिला। सरकार अगर हिन्दू को मकान देती है तो मुस्लिम को भी। हम दोनो मिलकर इस देश का विकास करें। दंगे की बात नहीं सौहार्द की बात करें।
उन्होने कहा कि नेहरु से लेकर सभी कांग्रेस सरकारों में एक रुपया में 15 प्रतिशत ही गरीब तक पहुंचता था। परन्तु अब अगर एक रुपया चलता है तो 1 रुपया गरीब के खातें में पहुंचता है। जो गरीब कभी बैंक का दरवाजा नहीं देख पाते थे उनका खाता खोलने का काम नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किया। विपक्षी प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ाते थे। बेटियां पढ़ने नहीं जा पाती थी, क्योंकि स्कूल में शौचालय नहीं थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाहन पर समाज एवं जनप्रतिनिधियों ने 400 करोड़ रुपया दिया। जिसके बाद अब सभी जगह शौचालय मौजूद है।