बरेली, उत्तर प्रदेश के बरेली में मंगलवार को कांग्रेस की ओर से आयोजित महिला मैराथन दौड़ में हुयी भगदड़ की घटना के लिये प्रशासन ने शुरुआती जांच मेें लापरवाही को फौरी तौर पर जिम्मेदार मानते हुये घटना की विस्तृत जांच कराने का फैसला किया है।
बरेली के जिलाधिकारी ने कांग्रेस की मैराथन दौड़ के लिये प्रशासन द्वारा दी गयी अनुमति की शर्तों का उचित पालन नहीं होने की बात भी घटना की प्रारंभिक जांच में सामने आने के बाद पुलिस को विस्तृत जांच करने को कहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के निर्देश पर इस मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर घटना की जांच शुरु कर दी है।
एनसीपीसीआर ने मंगलवार को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुये बरेली के जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह को भगदड़ के बाद अब तक की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट 24 घंटे में देने और सात दिन के भीतर घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट देने को कहा है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने“लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान के तहत मंगलवार को बरेली में ‘महिला मैराथन’ दौड़ आयोजित की थी। इसमें मची भगदड़ में दो दर्जन से अधिक लड़कियां चोटिल हो गयी थीं जबकि कुछ अन्य को ज्यादा चोट लगने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
एनसीपीसीआर ने प्रथम दृष्टया इस तरह के राजनीतिक आयोजनों में बच्चों के इस्तेमाल को किशोर न्याय कानून 2015 (जेजे एक्ट) की धारा 75 और कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताते हुये जिलाधिकारी को जांच करने एवं जेजे एक्ट तथा भारतीय दंड संहिता के उपयुक्त प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने को कहा।