लखनऊ , समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दलित प्रेम पर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने बड़े सवाल खड़े कर दियें हैं।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने अखिलेश यादव के अंबेडकरवाद, दलित राजनीति आदि मुद्दों पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से जवाब मांगा है। डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि खुद को अंबेडकरवादी कहने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को दलितों को लेकर सपा सरकार के कार्यकाल में लिये गये फैसलों के बारे में सफाई देने की जरूरत है।
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डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से 11 सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि कांशीराम के नाम से बने सहारनपुर मेडिकल कालेज का नाम सपा की तत्कालीन सरकार ने बदलकर मौलाना महमूद हसन मेडिकल कालेज और उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय से कांशीराम का नाम हटाकर ख्वाजा मोइनुद्दीन का नाम रख दिया था। इसी तरह लखनऊ में अन्तरराज्यीय बस अड्डे से बाबा साहेब अंबेडकर का नाम हटाकर आलमबाग कर दिया गया। श्री यादव को बताना चाहिए कि उन्हें आलम से प्यार और डा. अंबेडकर से दुराव क्यों है।उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में हज हाउस के उद्घाटन के समय सपा के तत्कालीन मंत्री आजम खां ने डा. अंबेडकर को भूमाफिया कहा था मगर सपा ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। लखनऊ में स्थापित महात्मा बुद्ध टेक्निकल यूनीवर्सिटी के नाम से गौतमबुद्ध का नाम हटा दिया गया। डा. अंबेडकर ने दलितों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की थी लेकिन संविधान में प्रावधान होने के बावजूद सपा ने संसद में आरक्षण का बिल क्यों फाड़ा था।दलित नेता ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण की समाप्ति के कारण दो लाख दलित कर्मचारियों को पदावनत सपा की सरकार ने किया जबकि पूरे देश में कहीं भी दलित कर्मचारी पदावनत नहीं हुए। इसी तरह ग्राम समाज की जमीनों के पट्टे आवंटन में दलितों को मिलने वाली प्राथमिकता सपा की सरकार ने समाप्त की थी। सपा को संत रविदास से इतनी चिढ़ थी कि उन्होंने भदोही जिले से उनके नाम को हटा दिया। मराठा छत्रप छत्रपति शाहूजी महाराज के नाम से स्थापित मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से शाहूजी महाराज का नाम हटाकर किंगजाॅर्ज को सपा की सरकार ने किया था।उन्हाेंने कहा कि 2016 में सपा की सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति बन्द करा दी जबकि डा. अंबेडकर वाटिका के लिए आरक्षित जमीन से उनके नाम की पट्टिका उखाड़कर जनेश्वर मिश्र पार्क का नाम दे दिया।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि सपा प्रमुख यह भी कह रहे हैं कि सपा की साइकिल का एक पहिया अंबेडकरवादी तथा दूसरा पहिया लोहियावादी है जबकि सपा ने अपने पूरे कार्यकाल में डा. अंबेडकर और बहुजन नायकों को अपमानित करने का कार्य किया इसलिए सपा को इन सवालों का जवाब देना चाहिए।