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देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला, इन बैंकों को लगा 22 हजार करोड़ से ज्यादा का चूना

नई दिल्ली, अभी बैंक धोखाधड़ी में सीबीआई विजय माल्या के 9,000 करोड़ रुपये  और पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के  14,000 करोड़ रुपये  घोटाले की जांच पूरी कर भी नही पाई है कि एक और देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला सामने आ गया है। सीबीआई ने देश के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड केस में देश की जानी मानी शिप कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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भारत की बड़ी निजी शिपिंग कंपनियों में एक एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड पर 28 बैंकों से कथित तौर पर 22842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। केंद्रीय भ्रष्टाचार विरोधी जांच एजेंसी ने धोखाधड़ी के इस केस में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और सह-प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी और तीन अन्य निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया को आरोपी बनाया है। ये मुकदमा 7 फरवरी को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दायर किया गया था।

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एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड एबीजी समूह की प्रमुख कंपनी है जो जहाज निर्माण और जहाज-मरम्मत के कारोबार से जुड़ी है। ये कंपनी भारतीय जहाज निर्माण उद्योग में एक बड़ा नाम है। इसके यार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं।

अफसरों ने शनिवार को बताया कि यह मुकदमा भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ से कथित रूप से 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज किया गया। यह सीबीआई की ओर से दर्ज किया गया सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है।

बैंक ने 8 नवंबर, 2019 को पहली बार शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे। इसके बाद बैंक ने अगस्त 2020  में एक बार नए सिरे से शिकायत दर्ज कराई। करीब डेढ़ साल तक छानबीन करने के बाद सीबीआई ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सात फरवरी, 2022 को शिकायत दर्ज कराई। कंपनी ने 28 बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से क्रेडिट लिए हैं और भारतीय स्टेट बैंक का करीब 2,468.51 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है।

फॉरेंसिंक ऑडिट में यह बात सामने आई है कि 2012-17 के बीच में आरोपियों ने आपस में साठगांठ कर फंड को डाइवर्ट करने, अनियमितता और आपराधिक विश्वास हनन जैसी अवैध गतिविधियां कीं। एफआईआर में साफतौर पर कहा गया है कि बैंकों ने जिन उद्देश्यों के लिए फंड रिलीज किए, उसकी बजाय उनका उनका इस्तेमाल किसी और काम के लिए किया गया।

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सीबीआई द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, अब तक 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों का कुल एक्सपोजर ₹22,842 करोड़ है, जिसमें से एबीजी पर आईसीआईसीआई को सबसे अधिक राशि ₹7,089 करोड़ का बकाया है। इसके अलावा आईडीबीआई बैंक का  ₹3,639 करोड़, एसबीआई का ₹2,925 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का ₹1,614 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक का ₹1,244 करोड़ बकाया है।