लखनऊ, यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत दिलाने में कोरी समाज की अहम भूमिका है। विशेषकर बुंदेलखंड मे बीजेपी को एतिहासिक जनादेश दिलाने में कोरी समाज सबसे आगे रहा है।
यूपी मे इसबार कोरी समाज के कुल 8 विधायकों ने जीत हासिल की है। जिसमें सर्वाधिक बुंदेलखंड से हैं। बुंदेलखंड की 19 सीटों में से इस बार बीजेपी ने 16 सीटें जीती है जिसमें 5 कोरी समाज के विधायक हैं।
बुंदेलखंड में 26 फीसदी दलित वोट हैं। जिसमें कोरी वोटर की अच्छी तादाद है। दलित वोट के जरिए बसपा ने बुंदेलखंड की सियासी धरती को उपजाऊ बनाया था। लेकिन, भाजपा ने बसपा के इसी वोट बैंक में सेंधमारी कर दी। इस चुनाव में जिस तरह से बसपा प्रत्याशियों की स्थिति रही है उससे साफ है बसपा का वोट बैंक भी खिसककर भाजपा के साथ खड़ा हो गया। कोरी विधायकों का विवरण इस प्रकार है-
1- बुंदेलखंड में उरई सुरक्षित सीट पर कोरी और जाटव वोटर काफी है। इस सीट पर भाजपा और सपा में सीधा मुकाबला रहा । उरई सुरक्षित सीट पर बीजेपी के गौरी शंकर ने 37 हजार 648 वोटों से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार दयाशंकर को सियासी शिकस्त दी है। इस बार उरई के एक लाख 28 हजार 300 मतदाताओं ने बीजेपी के प्रत्याशी गौरी शंकर पर अपना भरोसा जताया है।वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दयाशंकर वर्मा पर 79 हजार 969 मतदाताओं ने भरोसा किया है। इसके अलावा, बीएसपी के सतेंद्र प्रताप को कुल 38542 वोट मिले हैं.
2-वहीं, महरौनी विधानसभा सीट से राज्यमन्त्री मनोहरलाल पंथ ने बहुजन समाज पार्टी की किरन रमेश खटीक को 1 लाख 10 हजार 451 मतों से हराकर जीत दर्ज की है। मनोहर लाल पंथ को 1 लाख 84 हजार 778 मत मिले है। बीएसपी की किरन खटीक को 74327 मत, समाजवादी पार्टी के रामविलास को 58381, कांग्रेस के ब्रजलाल खाबरी को 4344 मत प्राप्त हुए।
3-मऊरानीपुर विधानसभा सीट भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस के खाते में रही। सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुई रश्मि आर्या अपना दल (एस) में शामिल हुईं थी। मऊरानीपुर विधानसभा सीट से दूसरी बार जीत हासिल कर अपना दल प्रत्याशी डॉ. रश्मि आर्य की सफलता की शानदार कहानी है। साल 2012 में पहली बार सपा प्रत्याशी के तौर पर मऊरानीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाली रश्मि आर्य ने बसपा के राजेंद्र राहुल को 6648 मतों से हराकर विधानसभा में प्रवेश किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में दूसरी बार सपा ने फिर प्रत्याशी के तौर पर दांव लगाया। लेकिन मोदी लहर में सपा की रश्मि आर्य भाजपा के बिहारी लाल आर्य से 16971 मतों से हार गईं थीं।
5- बुंदेलखंड की राठ विधानसभा सीट पर एक बार फिर बीजेपी ने सपा को पछाड़ दिया है। जहां पर बीजेपी की उम्मीदवार मनीषा अनुरागी ने सपा के प्रत्याशी चंद्रवती वर्मा को हराया है। मनीषा ने सपा उम्मीदवार चंद्रवती वर्मा को 61979 से भारी मतों से जीत दर्ज की हैं। 2017 में इस सीट से भाजपा प्रत्याशी मनीषा अनुरागी ने जीत दर्ज की थी। भाजपा ने उन्हें फिर से दोबारा प्रत्याशी बनाया ।
कोरी समाज के तीन और विधायक भी जीतें हैं, जो बुंदेलखंड से अलग हैं।
6-हाथरस सुरक्षित सीट पर भाजपा प्रत्याशी अंजुला माहौर ने जीत दर्ज कर कीर्तमान स्थापित किया है। अंजुला को मिला जनादेश एतिहासिक है। एक लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वाली वह पहली प्रत्याशी हैं। 42 वर्ष बाद हाथरस सुरक्षित सीट पर पहली बार सत्ता की कमान महिला विधायक के हाथ में है। वर्ष 1980 में पहली बार पुष्पा देवी चुनाव जीत कर विधायक बनी थीं।
7-वहीं भाजपा के कद्दावर नेता व समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री का जलवा इसबार भी कायम रहा। उन्होंने दसवीं बार जीत का सेहरा बांधा है। गोंडा की मनकापुर (सु) सीट पर अनुमान के अनुरूप उनका प्रदर्शन इस बार भी शानदार रहा है। उनकी जीत का फासला 42396 हजार रहा।
8-सलोन विधानसभा क्षेत्र अमेठी लोकसभा सीट का हिस्सा है। अमेठी को जिला घोषित करने के बाद सलोन को उसमें शामिल किया गया था। लेकिन भारी विरोध के चलते सरकार ने दोबारा सलोन को रायबरेली जिले में शामिल कर दिया। यह विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। 2017 में बीजेपी के दल बहादुर कोरी चुनाव जीते थे। लेकिन पिछले साल कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच उनका निधन हो गया था। इस बार भाजपा ने उनके बेटे अशोक कोरी को मैदान में उतारा था जिन्होंने पिता की तरह जीत हासिल कर ली है।