नई दिल्ली, भारतीय वनडे क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को अपना ब्रैंड ऐम्बैसडर बनाने वाली टेलिकॉम कंपनी ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में उन पर आरोप लगाया कि वह चिंताजनक हालात पैदा करने के लिये जान बूझकर अदालत को गुमराह कर रहे हैं। मैक्स मोबीलिंक प्राइवेट लिमिटेड के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उन्होंने कभी किसी फायदे के लिए धौनी के नाम का दुरूपयोग नहीं किया। धौनी ने उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अदालत के 2014 के फैसले की अवमानना की है जिसमें कहा गया था कि कंपनी अपने उत्पाद के प्रचार या बिक्री के लिए उनके नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती।
कंपनी के प्रबंध निदेशक अजय आर अग्रवाल ने 21 अप्रैल के इस फैसले के संदर्भ में दाखिल हलफनामे में दावा किया कि कंपनी ने 17 नवंबर 2014 के बाद से ऐसा कोई उत्पाद नहीं बेचा है जिसके लिए धौनी की तस्वीर या नाम का प्रयोग या दुरूपयोग किया गया। धौनी का कंपनी के साथ एड करार दिसंबर 2012 में खत्म हो गया था। अग्रवाल ने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि कंपनी ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया से सारी सामग्री हटा ली है जिसमें धौनी के नाम का इस्तेमाल किया गया। मैं कहना चाहूंगा कि धौनी ऐसे हालात बनाने के लिए जान बूझकर अदालत को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धौनी की तस्वीरों वाली फेसबुक पोस्ट कंपनी ने 2012 में डाली थी और जान बूझकर धौनी और रिति स्पोटर्स पुरानी पोस्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। धौनी के वकील ने हलफनामे का रिजाइंडर दाखिल करने के लिए समय मांगा है। अदालत ने मामले की सुनवाई 24 जनवरी तक के लिए टाल दी।