तिरुवनंतपुरम, केरल में मौसम विभाग द्वारा अगले दो दिनों में भारी बारिश होने का अनुमान लगाए जाने के बाद यहां के पांच जिलों एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, कोझीकोड और कन्नूर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
सोमवार को मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया, अगले 24 घंटों में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश (204.5 मिमी की) के होने की संभावना है
इसी के साथ कोल्लम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मलप्पुरम, वायनाड, कासरगोड जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
सोमवार को तिरुवनंतपुरम और पलक्कड़ के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया। गौर करने वाली बात है कि राज्य में कम से कम दो स्थानों पर बाढ़ के खतरे की भी गंभीर आशंका है।
मौसम विभाग ने निचले क्षोभमंडल स्तरों पर अरब सागर से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत की ओर पश्चिमी हवा के तेज प्रवाह के कारण केरल और लक्षद्वीप में रविवार से अगले चार दिनों तक भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।
मौसम विभाग ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘केरल के अलग-अलग स्थानों में 15 और 16 मई को भारी वर्षा (24 घंटे में 7 सेमी से 11 सेमी) से बहुत भारी वर्षा (24 घंटे में 12 सेमी से 20 सेमी) होने की संभावना है। इसके अलावा, 17 और 18 मई को यहां के विभिन्न स्थानों में भारी बारिश (24 घंटों में 7 सेमी से 11 सेमी) के होने का अनुमान है और 14 मई को लक्षद्वीप द्वीप समूह में बारिश होने की संभावना है।’
विभाग ने बताया कि 15 और 16 मई को केरल के अलग-अलग स्थानों पर 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और साथ ही बिजली चमकने के साथ आंधी आने की भी अनुमान है। यहां के कई अन्य स्थानों पर 17 और 18 मई को गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। लक्षद्वीप में यह सिलसिला 15 से 18 मई तक चलेगा।
सूत्रों ने बताया, ‘जिन इलाकों में खतरे की संभावनाएं सबसे अधिक है, वहां विशेष अलर्ट सिस्टम शुरू किया गया है। राज्य में इन इलाकों के लिए कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे चालू रहेंगे।’
इस दाैरान, मछुआरों को समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी गई है। दिशानिर्देशों के मुताबिक, भारी बारिश होने की स्थिति में जगह बदलने को लेकर संबंधित अधिकारियों से संपर्क और सहयोग करना आवश्यक है।
बारिश होने के समय में समंदर के पानी के स्तर में भी वृद्धि होगी, ऐसे में तटीय क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को अधिक सचेत रहने को कहा गया है।
ऐसे में जो कच्चे मकान या कमजोर मकानों में रहकर गुजर-बसर करते हैं, उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर जाकर आश्रय लेने की सलाह दी गई है।
इस दौरान, निजी और सार्वजनिक स्थानों पर लुप्तप्राय पेड़ों और जानवरों की प्रजातियों को भी सुरक्षा मुहैया कराए जाने पर भी विशेष बल दिया गया है।
लोगों को अपने पास आपातकालीन किट तैयार कर रखने का भी निर्देश दिया गया है।