नई दिल्ली, उरी और पठानकोट में आतंकी हमले के मद्देनजर एक संसदीय समिति ने गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा समेत सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए निगरानी बढ़ाये जाने के लिए उठाये जाने वाले कदमों की समीक्षा की। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के नेतृत्व वाली गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने गुरुवार को भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश से लगे क्षेत्रों में सीमा सुरक्षा के विभिन्न आयामों तथा बार बार होने वाली सीमा पार आतंकवाद की घटनाओं को रोकने के लिए उठाये जाने वाले कदमों की समीक्षा की।
चर्चा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि के नेतृत्व में मंत्रालय के अधिकारियों ने सांसदों को 24 घंटे निगरानी के लिए उठाये गए कदमों और सशस्त्र बलों एवं सीमा की सुरक्षा में लगे बलों के साथ करीबी समन्वय जैसी पहल के बारे में बताया। सांसदों ने उरी सैन्य शिविर और पठानकोट वायु सेना अड्डे पर हमले के विषय को उठाया और पूछा कि कई स्तर की सुरक्षा के बावजूद आतंकवादी किस प्रकार सीमा पार करने में सफल हुए? सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि उरी के पास नियंत्रण रेखा की निगरानी सेना करती है और पठानकोट के हमलावरों ने सीमा सुरक्षा बल द्वारा निगरानी की जाने वाली सीमा को पार किया और भारतीय वायु सेना के अड्डे से जुड़ा विषय रक्षा मंत्रालय देख रहा है। संसदीय समिति की अगली बैठक 14 अक्तूबर को होने की संभावना है।