धर्मशाला, कप्तान विलियम्सन के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह होगी के एकदिवसीय से अश्विन को आराम दिया गया है जो टेस्ट सीरीज में कीवी बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द रहे थे। खुद को विलियम्सन को अश्विन ने टेस्ट सीरीज में चार बार आउट किया था। अश्विन के ना खेलने से विलियम्सन के ऊपर दबाव पहले ही कम हो गया होगा और वह बिना किसी मनोवैज्ञानिक दबाव के अपना स्वभाविक खेल खेल सकेंगे। कप्तान धोनी के लिये यह सीरीज बहुत मायने रखती है जो कि अपने आठ महीने बाद होने वाली चैंपियंस ट्राफी में उन्हें ही कप्तानी सौंपी जा सकती है। भारत को इस घरेलू सत्र में आश्चर्यजनक रूप से ज्यादा टेस्ट और कम वनडे खेलने हैं।
धोनी के पास इस दौरान आठ एकदिवसीय मैचों में यह आंकने का मौका रहेगा कि चैंपियंस ट्राफी के लिए उन्हें क्या संयोजन रखना है। टीम के कोच अनिल कुंबले के लिए कोच के रूप में यह पहली एकदिवसीय सीरीज होगी। वह अपनी पहली दो टेस्ट सीरीज वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत चुके हैं और वनडे में भी वैसी ही शुरुआत करना चाहेंगे। धोनी ने अपनी टेस्ट कप्तानी अनिल कुंबले के संन्यास के बाद ही संभाली थीं और यह देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान और कोच के रूप में दोनों की वनडे में जुगलबंदी कैसा काम करती है। भारत ने अपना 500वां टेस्ट और 250वां घरेलू टेस्ट शानदार अंदाज में जीता था और उसे अब अपना 900वां वनडे भी उसी शानदार अंदाज में फतह करना है।