लखनऊ, डिजिटल इंडिया के दौर में यूपी बोर्ड भी एडवांस हो गया है। बोर्ड परीक्षा के लिए अब केंद्रों में कप्यूटर होने आवश्यक हो गए हैं। ऑनलाइन व्यवस्था के कारण इस साल परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति में बदलाव किया गया है। इसके तहत इस बार उन्हीं स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा, जहां कम से कम दो कंप्यूटर सिस्टम और एक कंप्यूटर ऑपरेटर नियमित रूप से तैनात हो। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से केंद्र निर्धारण नीति जारी की गई। इसमें सातवें बिंदु में जनपदीय समिति को निर्देश दिया गया कि परीक्षा केंद्र संबंधी जरूरी सूचना परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करवाए जाने के लिए हर केंद्र पर कम से कम दो कंप्यूटर का होना जरूरी है। विभाग की ओर से जनपदीय समीति को 25 अक्टूबर तक परीक्षा केंद्र निर्धारित करने के लिए भी कहा गया है।
नीति में इस बार परीक्षा केंद्रों का चयन ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से करने की बात कही गई है।
इसमें माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से एक सॉफ्टवेयर तैयार करवाया जाएगा।
इसमें डीआईओएस की ओर से केंद्रों की सभी जानकारी उस पर अपलोड की जाएगी।
इसमें सॉफ्टवेयर जो भी गलती होगी वह बता देगा। इसके बाद उसे नीति में साफ कंप्यूटर के साथ बिजली और जनरेटर की व्यवस्था भी केंद्र पर होने की शर्त रखी गई है। जबकि वास्तविकता ये है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के कई स्कूलों में बिजली तक नहीं है। माल क्षेत्र के स्कूलों में हर साल कई ऐसे स्कूल केंद्र बना दिए जाते हैं, जहां पर्याप्त बिजली की व्यवस्था नहीं होती है।कई जगह बिजली तक नहीं, ऐसे में केंद्र बनना मुश्किल है। इस बार केंद्रों पर कंप्यूटर लगाने की शर्त रखी गई है। पिछली बार भी परिषद की ओर से ऑनलाइन केंद्रों के निर्धारण की बात कही गई थी, लेकिन पूर्व की भांति चयन किए गए थे।
66 लाख देंगे बोर्ड एग्जाम:- बोर्ड परीक्षा में यूपी बोर्ड से लगभग 66 लाख छात्र परीक्षा देंगे। बोर्ड एग्जाम में रजिस्ट्रेशन करवाने की आखिरी तारीख 22 सिंतबर थी। इसमें कक्षा नवीं के 29.20 लाख व ग्यारहवीं के 36.14 लाख ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। बाढ़ प्रभावी क्षेत्रों में बोर्ड की ओर से छात्रों का राहत दी गई थी। इन इलाकों से लगभग 1.66 लाख छात्रों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया जिससे यह आंकड़ा 66 लाख तक पहुंच गया।