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रायबरेली कोर्ट कैंपस की सुरक्षा पर उठा बड़ा सवाल, ढाई माह में दूसरी घटना

लखनऊ, महिला सुरक्षा को लेकर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह गंभीर हैं, वहीं कुछ जिलों में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।  राजधानी लखनऊ से सटा हुआ  एक जिला है रायबरेली । जहां कोर्ट कैंपस जैसी संवेदनशील जगह पर महिला सुरक्षा में बड़ी चूक देखी जा रही है। विगत ढाई माह के अंदर कचहरी परिसर में लगातार दो घटनाएं महिलाओं के साथ घटी हैं , जिसमें पति ने महिलाओं पर हमला किया है ।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आज सुबह करीब नौ बजे कचेहरी परिसर में स्थित लॉक अप के सामने दुखहरन (40) ने पत्नी उमा देवी (38) के पेट मे चाकू मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस का कहना है कि पति पत्नी में घरेलू विवाद का मुकदमा चल रहा है जिसमें आज न्यायालय में पेशी थी। तभी किसी पुरानी बात को लेकर आपस मे तनातनी हो गयी जिससे उत्तेजित हो कर पति ने पत्नी पर चाकू का प्रहार कर दिया जिससे महिला के पेट मे गम्भीर घाव हो गया। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमलावर ने सुनियोजित साजिश के तहत पत्नी पर हमला किया है क्योंकि न्यायालय परिसर में खतरनाक हथियार लेकर आने की क्या आवश्यकता है।  पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मुकदमा दर्ज किया गया है।

लेकिन ये कोई पहली घटना नही है, इससे पहले भी कुछ दिन पूर्व ही एक महिला पर कचेहरी परिसर में ही उसके पति द्वारा हमला किया गया था। लेकिन पुलिस सुरक्षा के बावजूद वह हमला कर भागने में सफल रहा और बड़ी मशक्कत के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। आपको बता दें, 21 फरवरी 2023 को कोर्ट परिसर में महिला पत्रकार पर हमला हुआ था । जिस पर रायबरेली कोतवाली मे मुकदमा दर्ज किया गया। सूत्रों के अनुसार, जिला एवं सत्र न्यायालय, रायबरेली में पेशी पर अपने पिता के साथ आई महिला पत्रकार पर उसके पति ने अदालत परिसर में ही हमला कर दिया। अचानक हुये हमले से महिला बचाओ-बचाओ चिल्लाते हुये जब सहायता मांगने लगी तो कोर्ट परिसर में मौजूद वकीलों और कुछ अन्य लोग महिला को बचाने दौड़े। लोगों को आता देख हमलावर पति महिला को छोड़कर भाग निकला। घायल महिला सहित उपस्थित लोगों का आरोप है कि  परिसर में मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे।

पीड़ित महिला के अनुसार,  दो वर्ष पूर्व उसका विवाह रायबरेली जिले के अंबेडकर नगर निवासी ऋषिकल्प से हुआ था। विवाह के बाद से ही पति सहित ससुराल के लोग उसे दहेज को लेकर प्रताड़ित करते रहते थे।  उसके साथ मारपीट करने व घर से निकाल देने पर उसने रायबरेली के मिल एरिया थाने में दो वर्ष पूर्व मुकदमा दर्ज कराया था जिसकी पेशी पर उसे अपने पिता के साथ रायबरेली  आना पड़ता है। कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी थी। महिला कोर्ट परिसर में पेशी का इंतजार कर रही थी, तभी उसके पति ने हमला कर दिया। मारपीट में महिला को चोटें आई।  जब महिला ने घटना के संबंध मे शिकायती पत्र देते हुये कार्रवाई की मांग की तो स्थानीय उप निरीक्षक दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने कार्रवाई से इंकार कर दिया। जिसपर महिला अपनी फरियाद लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय गई । जहां एडशिनल एसपी के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। यह घटना लगभग दिन में 11 बजे की है। जबकि मुकदमा काफी हीलाहवाली के बाद शाम को 6 बजकर 35 मिनट पर दर्ज किया गया।

सूत्रों के अनुसार,  ढाई माह बीत जाने के बाद भी आज तक पति पर कोई कार्रवाही नही हुई है।अगर पहली ही घटना पर पुलिस सचेत हो जाती और कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जाती तो यह चूक ना हो पाती। पहले ही घटना पर ही अभी तक पति के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है, और पीड़िता को भी सुरक्षा ना प्रदान करने के कारण वह अपने केस की पैरवी भी नहीं कर पा रही है।  आज फिर रायबरेली जिले की दीवानी न्यायालय परिसर में  एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया है। घटना की पुनरावृत्ति यह साफ दर्शा रही है कि महिला सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशों का किस तरह अफसर मजाक बना रहें हैं।