लखनऊ, समाजवादी पार्टी के भविष्य को लेकर लखनऊ के कालीदास मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय में चली बड़ी बैठक मे मुलायम सिंह यादव, शिवपाल और सीएम अखिलेश दोनों मौजूद रहे। सबसे पहले सीएम अखिलेश ने माइक संभालते हुए बोलना शुरू किया। उसके बाद शिवपाल सिंह ने अपनी बात रखी। शिवपाल ने कहा कि क्या सरकार में मेरा कोई योगदान नहीं, पार्टी के लिए मैंने बहुत कुछ किया है। इस दौरान भावुक होकर शिवपाल रोने भी लगे।
सपा मुख्यालय में सुबह ही मुलायम, शिवपाल और अखिलेश पहुंच गए थे। अखिलेश के बोलने के बाद जब शिवपाल की बारी आई तो उन्होंने अखिलेश को सीधा निशाने पर ले लिया। मैंने सीएम और नेताजी के हर आदेश को माना. पार्टी में कुछ लोग सत्ता की मलाई चाट रहे हैं। हमने पार्टी बनाने के लिए संघर्ष किया। क्या सरकार में मेरा योगदान नहीं है। अब नेताजी नेतृत्व संभालें।
शिवपाल ने कहा कि आज समाजवादी पार्टी जिस मुकाम पर पहुंची है उसे बनाने में मैंने भी बहुत संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि मैं गांव-गांव तक साइकिल से गया। शिवपाल यादव ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि अनुशासनहीनता पार्टी में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह पार्टी नेताजी की वजह से इस ऊंचाई पर पहुंची है, जो निकाल दिए गए हैं वो बाहर जाएं, गुंडई नहीं चलेगी। शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि रामगोपाल की दलाली नहीं चलेगी। दलाल लोग बाहर जाएं।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर सीधा वार करते हुए कहा कि मेरे विभाग क्यों छीने गए? क्या मैंने सीएम अखिलेश से कम काम किया है। मेरे विभाग छीने गए मेरा कसूर क्या था। उन्होंने कहा कि हमारे विभागों की समीक्षा होती थी। अखिलेश पर हमलावर होते हुए शिवपाल ने कहा कि आपके विभागों में कितनी लापरवाही हुई है, जानना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि मैंने हर आदेश मुख्यमंत्री का माना और नेता जी का माना। विपक्ष भी हमारी तारीफ करता है।
अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से मिलने गया था। वहां उन्होंने (अखिलेश) ने कहा था कि वे दूसरे दलों के लोगों के साथ मिल कर अलग पार्टी बनाएंगे। शिवपाल यादव ने दावा करते हुए कहा कि मैं अपने बेटे और हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाने को तैयार हूं कि ये बात अखिलेश ने कही थी। शिवपाल ने कहा कि तुम लोग अमर सिंह की धूल के बराबर भी नहीं हो। अपने संबोधन के अंत में शिवपाल यादव ने नेता जी को कहा कि मुझे पार्टी संभालने की छूट दी जाए।