सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले एक पखवाड़े के दौरान तीसरी बार 12 अप्रैल को सहारनपुर के राजपूत बहुल क्षेत्र बड़गांव में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचेंगे।
सहारनपुर मंडल में लोकसभा की तीन सीटें सहारनपुर, कैराना और मुजफ्फरनगर आती हैं। भाजपा के प्रबंधकों का कहना है कि राजपूतों की नाराजगी का असर कैराना और मुजफ्फरनगर सीटों पर ज्यादा और सहारनपुर सीट पर कम दिखता है।
सहारनपुर सीट पर राघव लखनपाल शर्मा भाजपा के तीसरी बार उम्मीदवार हैं हालांकि वह पिछला चुनाव बसपा-सपा गठबंधन के उम्मीदवार फजर्लुरहमान कुरैशी से हार गए थे। अबकी उनका मुख्य मुकाबला सपा-कांग्रेस गठबंधन के धाकड़ नेता इमरान मसूद से है। कैराना लोकसभा सीट पर राजपूतों ने सपा-कांग्रेस उम्मीदवार इकरा हसन को समर्थन दे दिया है। इस सीट पर बसपा ने नानोता क्षेत्र के दमदार राजपूत नेता श्रीपाल राणा को उम्मीदवार बनाया हैं। भाजपा के उम्मीदवार प्रदीप चौधरी पिछला चुनाव इकरा हसन की मां तबस्सुम हसन को हराकर जीते थे। प्रदीप चौधरी गुर्जर बिरादरी से हैं और उनकी क्षेत्र में बेदाग छवि है पर राजपूतों की नाराजगी उनकी परेशानी बढ़ाए हुए है।
मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा के संजीव बालियान का यह लगातार तीसरा चुनाव है। पिछले चुनाव में उन्होंने चौधरी अजीत सिंह को कड़े संघर्ष में करीब छह हजार वोटों के अंतर से पराजित किया था। संजीव बालियान 2014 में पहली बार भाजपा से सांसद निर्वाचित हुए थे। वह केंद्र में मंत्री हैं और जाटों के धाकड़ नेता हैं।
राजपूतों की नाराजगी को देखते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा और राजपूतों के नाराज नेता संगीत सोम के क्षेत्र रार्धना में सभा को संबोधित किया था। उन्होंने अपनी एक ओर संजीव बालियान को और दूसरी ओर संगीत सोम को बैठाया था और दोनों को साथ रहने की नसीहत दी थी। संजीव बालियान ने सभा की अध्यक्षता सोम राजपूतों की चैबीसी के गांवों के प्रधान शिव कुमार राणा ने अध्यक्षता की थी। शिव कुमार राणा संजीव बालियान के करीबी हैं। मुख्यमंत्री के जाते ही बालियान और संगीत सोम दोनों में फिर से जुबानी जंग छिड़ गई।
सरधना के सपा विधायक अतुल प्रधान मेरठ से अपना टिकट घोषित होने के बाद कटने से नाराज हैं। अतुल प्रधान गुर्जर नेता हैं। उन्होंने पिछले चुनाव में संगीत सोम को पराजित किया था। समीक्षकों के मुताबिक भाजपा से राजपूतों की नाराजगी के चलते गुर्जर बिरादरी भाजपा के ओर करीब आती दिख रही है। सहारनपुर मंडल में सहारनपुर के पूर्व मंत्री और चार विधायक रहे डा. धर्मसिंह सैनी की नाराजगी भी भाजपा के लिए समस्या बनी हुई है। सहारनपुर और कैराना दोनों सीटों पर सैनियों की नाराजगी को दूर करने के प्रयासों में भी भाजपा छत्रप लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का समाज के सभी वर्गों में सम्मान और स्वीकार्यता है। योगी आदित्यनाथ सहारनपुर में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर चुके हैं। दूसरी बार वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सहारनपुर आए थे और अब तीसरी बार योगी आदित्यनाथ 12 अप्रैल को सहारनपुर के बड़गांव में दोपहर डेढ़ बजे पहुंच रहे हैं। उनकी कोशिशें कितनी सफल होती हैं इसका मतदान और चुनाव नतीजों पर महत्वपूर्ण असर होगा।