बिलासपुर, छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में शुमार हाई-प्रोफाइल बिलासपुर से लगातार सात बार चुनाव जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 में आठवीं दफा जीत का परचम लहराने के लिए आतुर है वहीं उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने अपने रणनीतिक व्यूह के जरिए इस चुनावी कुरुक्षेत्र में भाजपा का किला फतह करने के वास्ते पूरी ताकत झोंक दी हैं।
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बिलासपुर में 07 मई को मतदान होगा। यहां हमेशा की तरह इस बार भी पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी दल भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधी टक्कर है।बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में साहू समुदाय के लोगों की संख्या काफी है और भाजपा ने जातिगत समीकरण के तहत मौजूदा चुनाव में भी इसी समुदाय के नये चेहरे पर दांव लगाते हुए तोखन साहू को उम्मीदवार बनाया है।
दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा युवा वर्ग को तरजीह दिये जाने के परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस ने युवा चेहरे देवेंद्र यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। श्री यादव पिछले विधानसभा चुनाव में भिलाई सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे और अब वह बिलासपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद से साहू और यादव समाज के मतदाताओं में अपने अपने जाति के प्रत्याशियों के पक्ष में जबरदस्त एकजुटता दिखाई दे रही है। वहीं एसटी/एससी के मतदाताओं के बीच संविधान की रक्षा के मुद्दे ने पहली बार जोर पकड़ा है और इससे भाजपा को नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। भाजपा ने चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा से काफी पहले अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था और शुरुआत में “कोई नही है टक्कर में , मत पड़ो किसी के चक्कर में” नारे के साथ हावी होती नजर आ रही थी। दूसरी तरफ कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र यादव की धमाकेदार एंट्री और ‘बदलबो बिलासपुर’ के बुलंद नारे से जबरदस्त मुकाबले की तस्वीर सामने आयी है।
भाजपा अपने उम्मीदवार के पक्ष में राम मंदिर निर्माण तथा ‘मोदी की गारंटी’ का हवाला देकर मतदाताओं के अपने पक्ष में होने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस मंहगाई , बेरोजगारी और भ्रष्टाचार विशेषकर कुछ महीनों पहले चुनावी बांड के खुलासे तथा संविधान में बदलाव को लेकर भाजपा की नीयत को जनता के सामने रखने के साथ ही अपने न्याय पत्र (घोषणापत्र) में युवाओं को रोजगार , गरीब महिलाओं को साल में एक लाख रूपये देने के वादों पर जोर दे रही है।
चुनाव प्रचार की श्रृंखला में भाजपा की ओर से उसके फॉयरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में रैली की है। वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय , उपमुख्यमंत्री अरुण साव समेत प्रदेश के प्रमुख भाजपा नेताओं ने पार्टी प्रत्याशी तोखन साहू के पक्ष में लगातार जनसंपर्क और चुनावी सभाएं की है। कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र यादव के पक्ष में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट,सुप्रिया श्रीनेत, अल्का लांबा और कन्हैया कुमार ने राष्ट्रीय मुद्दों और मोदी सरकार की असफलता को जनता के सामने रखते हुए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । स्थानीय कांग्रेस नेताओ में पूर्व विधायक शैलेष पांडेय , महापौर रामशरण यादव ,जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडेय ,विधायक दिलीप लहरिया और अटल श्रीवास्तव पार्टी कार्यकर्ताओं की पूरी टीम के साथ आक्रामक शैली में बाजी पलटने के लिए लगातार सक्रिय हैं ।
आरोप -प्रत्यारोपों , वादों -सौगातों की होड़ लिए इस चुनावी दौड़ में कौन कितना आगे होगा , इसका फैसला तो जनता -जर्नादन ही करेगी और मतदाताओं की चुप्पी किसी तूफान पूर्व मंजर का संकेत देती नजर आ रही है!
अतीत में बहुत पीछे न जाते हुए बिलासपुर में पिछले सात लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा के बीच ही जबरदस्त टक्कर रही है। 1996 और 2019 के कालखंड में भाजपा को सत्ता परिवर्तन की जनांकाक्षा और विकासकार्यों की लहर लगातार सत्ता के किनारे लाती रही जबकि कांग्रेस अपने ही घर की गुटबंदी की लहरों में उलझकर पराजय के गर्त में समाती गयी। अब देखना यह है कि क्या पिछले सात बार से पराजय झेल रही कांग्रेस इस दफा यहां विजयपताका फहरा सकेगी।