लखनऊ, कहावत है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता लखनऊ से हाेकर जाता है और इस कहावत को उत्तर प्रदेश के बाशिंदे एक बार फिर चरितार्थ करेंगे जब चार जून को प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें के परिणाम सामने आयेंगे जिससे पता चलेगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अबकी बार-400 पार का सपना साकार होता है या फिर विपक्षी दलों के इंडिया समूह को दिल्ली के सिंहासन पर राज करने का मौका मिलेगा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 12 मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत का फैसला भी उत्तर प्रदेश की जनता के हाथों होना तय हो चुका है।
मौजूदा लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिये योगी आदित्यनाथ ने खूब पसीना बहाया है। उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत उत्तर प्रदेश से चुने गए केंद्र के 12 मंत्रियों को फिर से जिताने की अपील की तो अपने भी चार मंत्रियों का हाथ थामकर उनके ‘दिल्ली’ जाने का मार्ग भी सरल किया। इसके अलावा राज्यसभा सांसद, भाजपा व सहयोगी दलों के आठ विधायकों और तीन विधान परिषद सदस्यों के लिए भी योगी आदित्यनाथ ने रैली, रोड शो व जनसभा की।
इंडिया समूह के लिये प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमान संभाली और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मिलकर जम कर चुनाव प्रचार किया।
लोकसभा चुनाव-2024 में इंसानी वजूद के लिये जरुरी गरीबी उन्मूलन,शिक्षा,पर्यावरण संरक्षण,भूजल संरक्षण और वायु एवं जल प्रदूषण जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कोई भी दल चर्चा को तैयार नहीं था लेकिन सभी ने धर्म और जातिगत राजनीति का सहारा लेते हुये संविधान में बदलाव की बात कर मतदाताओं को डराया और भ्रमित जरुर किया।
चुनाव के दौरान दलबदलू नेताओं का भी खासा प्रभाव देखने को मिला। हर चुनाव की तरह इस बार भी चुनाव से पहले दल बदलने की प्रक्रिया जोर शोर से चली। पिछले पांच साल एक दूसरे पर जमकर लांछन लगाने और कीचड़ उछालने वाले राजनीतिक दल और नेता मौके की नजाकत को भांपते हुये विचारधारा और समाज की दुहाई देते हुये एक दूसरे के गले मिलते नजर आये।
भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा कार्यकर्ता और उत्तर प्रदेश के मुखिया के रूप में योगी आदित्यनाथ ने दोनों शीर्षस्थ नेताओं के लिए कई रैली, सम्मेलन व संवाद कार्यक्रम किया। इसके साथ ही अमेठी से स्मृति ईरानी, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा, आगरा से प्रो. एसपी सिंह बघेल, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को महराजगंज, चंदौली से डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, मीरजापुर से अनुप्रिया पटेल, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, लखीमपुर खीरी से अजय मिश्र टेनी, मोहनलाल गंज से कौशल किशोर और फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति फिर से जनता के बीच उतरीं।
राजग से उत्तर प्रदेश के आठ विधायक चुनावी समर में उतरे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी के लिए खूब रैली की। योगी सरकार के मंत्री व मैनपुरी से विधायक जयवीर सिंह को मैनपुरी लोकसभा से टिकट दिया गया, वहीं खैर से विधायक व मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि को हाथरस लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया है। फूलपुर से विधायक प्रवीण पटेल को फूलपुर लोकसभा, गाजियाबाद से विधायक अतुल गर्ग को गाजियाबाद लोकसभा, निषाद पार्टी के मझवां से विधायक विनोद कुमार बिंद को भदोही लोकसभा, नहटौर से विधायक ओम कुमार को नगीना लोकसभा, मीरापुर से विधायक चंदन चौहान (रालोद) को बिजनौर लोकसभा और छानबे से विधायक रिंकी कोल (अपना दल एस) को राबर्टसगंज लोकसभा सीट से राजग का प्रत्याशी बनाया गया है। इन सभी के लिए योगी आदित्यनाथ ने कई बार रैली व जनसभा कर इनके दिल्ली जाने का मार्ग सरल किया है।
योगी सरकार के चार मंत्री भी लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे। इनमें से जितिन प्रसाद को पीलीभीत, जयवीर सिंह को मैनपुरी, अनूप प्रधान को हाथरस और दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से मैदान में उतारा गया। इसमें से जयवीर सिंह व अनूप प्रधान विधानसभा सदस्य हैं, जबकि दिनेश प्रताप सिंह और जितिन प्रसाद विधान परिषद सदस्य हैं। इन दोनों के अलावा भारतीय जनता पार्टी ने सदस्य विधान परिषद साकेत मिश्र को श्रावस्ती लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को इस बार भाजपा ने बलिया सीट से प्रत्याशी घोषित किया था। सातवें चरण में बलिया में वोटिंग होगी। यूपी के मुखिया के रूप में योगी आदित्यनाथ ने इन सभी का बखूबी साथ निभाते हुए प्रचार किया।