IEEE ने नई दिल्ली में हाइयर एजुकेशन समिट में इंजीनियरिंग एजुकेशन के फ़्यूचर पर चर्चा की

नई दिल्ली, IEEE विश्व की सबसे बड़ी टेक्निकल प्रोफेशनल ओर्गेनाइजेशन एडवांसिंग टेक्नोलॉजी फॉर ह्युमेनिटी ने ट्रांसफॉर्मिंग इंजीनियरिंग एजुकेशन, चेंजिंग पैराडाइम्स इन इंडिया नामक एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया। यह शिखर सम्मेलन भारत में इंजीनियरिंग शिक्षा के भविष्य पर चर्चा करने के लिए सम्मानित शिक्षकों, इंडस्ट्री लीडर्स और पॉलिसीमेकर्स को एक साथ लेकर आया।
प्रोफेसर (श्रीमती) मिनी शाजी थॉमस ने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली को बदलना है। वहीं बिट्स पिलानी कैंपस के ग्रुप वाइस चांसलर प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने अपने भाषण में एनईपी 2020 के प्रमुख तत्वों और तकनीकी शिक्षा में क्रांति लाने की क्षमता पर प्रकाश डाला। दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, TSCHE, सोमैया यूनिवर्सिटी, शिव नादर यूनिवर्सिटी और 2024 IEEE प्रेसिडेंट-इलेक्ट कैथलीन ए क्रेमर कहा कि ने कैसे NEP 2020 सम्पूर्ण विकास, फ्लेक्सिबल शिक्षा, अंतःविषय शिक्षा और कौशल विकास पर कैंद्रित है।
2024 IEEE के अध्यक्ष और सीईओ टॉम कुगलिन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कहा कि तेज तकनीकी प्रगति और इंडस्ट्री के बदलते परिदृश्य के लिए इंजीनियरिंग शिक्षा में कई बदलाव की आवश्यकता है। IEEE इन परिवर्तनों का समर्थन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है कि भारत में इंजीनियरिंग शिक्षा उत्कृष्ट बनी रहे।
IEEE के सीनियर इंटरनेशनल सेल्स डायरेक्टर फ्रांसिस स्टेपल्स ने स्वागत भाषण दिया। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी जी सीताराम ने छात्रों को भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने के उद्देश्य से नवीन शिक्षण पद्धतियों और पाठ्यक्रम में सुधारों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। शिखर सम्मेलन में डॉ. विनय कुमार पाठक (अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज और वीसी, सीएसजेएमयू, कानपुर) ने इंडस्ट्री और समाज की उभरती मांगों को पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग शिक्षा को बदलने के महत्व पर जोर देते हुए एक विशेष संबोधन दिया।
डॉ. प्रीति बजाज ने इंडस्ट्री, शिक्षा और व्यावसायिक समाज – उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए इन क्षेत्रों के बीच सहयोग इंजीनियरिंग शिक्षा को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है इस विषय पर चर्चा की। IEEE CASS और CSS दिल्ली चैप्टर के अध्यक्ष, NXP सेमीकंडक्टर्स में इंडिया इनोवेटिव इकोसिस्टम के हेड श्री प्रीत यादव ने इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स से इंडस्ट्री की अपेक्षाओं के बारे में बात की। पैनलिस्ट डॉ. मधु चितकारा (प्रोफेसर-चांसलर, चितकारा यूनिवर्सिटी), डॉ. राहुल के. गज्जर ( वीसी गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी), डॉ. एस. वी. कोटा रेड्डी ( VC, VIT AP ) और दीपक माथुर ( 2024 VP, मेंबर एंड ज्योग्राफिक एक्टिविटी, IEEE) ने चर्चा में आज की तकनीकी और सामाजिक चुनौतियों के लिए कार्यबल तैयार करने के लिए सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक कौशल के साथ मिश्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम का समापन IEEE दिल्ली अनुभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अब्दुल कय्यूम अंसारी के समापन भाषण के साथ हुआ, उन्होंने भारत में इंजीनियरिंग शिक्षा परिदृश्य में बदलाव लाने के लिए सभी हितधारकों के बीच निरंतर संवाद और सहयोग के महत्व को दोहराया।
अर्पणा यादव





