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महाकुंभ में जनसैलाब, प्रयागराज से लगने वाले जिलों की सीमा अस्थायी तौर पर सील

महाकुंभनगर, महाकुंभ में माघ मास के दूसरे सबसे बड़े “अमृत स्नान” पर्व मौनी अमावस्या पर संगम में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुये एहतियात के तौर पर प्रयागराज से सटे लगभग सभी जिलों की सीमाओं को अस्थायी तौर पर सील कर दिया गया है ताकि मेला क्षेत्र और नगर में भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

सूत्रों ने बताया कि प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में प्रवश करने से रोकने को कहा गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने संगम तट पर मोर्चा संभाल लिया है। संगम तट पर केवल साधु-संतो को जाने की इजाजत है। श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए गंगा पर बने सभी पीपा पुलों को बंद कर दिया गया है। घाट पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं से स्नान के बाद तत्काल घाट खाली करने का लगातार घोषणा की जा रही है।

मौनी अमावस्या स्नान को लेकर देश और दुनिया के कोने कोने से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गयी है। भीड़ के कारण संगम के निकट भगदड़ जैसे हालात उत्पन्न हुये जिसमें तमाम श्रद्धालु हताहत हुये हैं। घायल श्रद्धालुओं का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है। मेला क्षेत्र में हालात सामान्य हो चुके हैं और लोगों के आस्था की डुबकी लगाने के क्रम अनवरत जारी है। दोपहर 12 बजे तक साढ़े चार करोड़ से अधिक श्रद्धालु तीर्थराज में पवित्र स्नान कर चुके थे।

गौरतलब है कि वर्ष 1954 में 3 फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन कुंभ मेले भगदड़ के दौरान 800 लोगों की मौत हुई थी और 2013 के कुंभ में 10 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 36 लोगों की जान गई थी।