महागठबंधन उन तमाम लोगों का गठबंधन है जो सोचते हैं कि एक साथ मिलकर गरीबों के हित में काम किया जा सकता है और गरीबों को विकास की राह दिखाई जा सकती है.यह विचार कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने व्यक्त किये.उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एंटी बीजेपी शक्तियां नहीं हैं. नीतीश के शपथ ग्रहण के बाद कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने से यह संकेत मिला है कि अगर अच्छी पार्टियां एक साथ आ जाएं तो बीजेपी जैसी बड़ी पार्टी को भी पटखनी दी जा सकती है.नीतीश के शपथ ग्रहण में इतनी बड़ी संख्या में गैरबीजेपी नेताओं का एकजुट होना 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों की अभी से तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है. क्योंकि कहीं न कहीं नीतीश का कद इस जीत के बाद बढ़ गया है. नीतीश के शपथ ग्रहण में इतनी बड़ी संख्या में गैरबीजेपी नेता जुटे.जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि गैर भाजपा और गैर कांग्रेस पार्टियों का एक साथ आना जरूरी है।
बिहार की राजधानी पटना से नये सियासी समीकरण के कवायद की शुरुआत हो गई है। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि केजरीवाल और नीतीश अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में ममता की मदद कर सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर पटना आए नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने मांग की कि नीतीश को अब देश की कमान संभालनी चाहिए। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने कहा कि नीतीश में देश को संभालने की क्षमता है। इसी मौके पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि गैर भाजपा और गैर कांग्रेस पार्टियों का एक साथ आना जरूरी है।