गरीबों, मजदूरों को गर्मी, लू से बचाने के लिए 11 राज्यों को मानवाधिकार आयोग के निर्देश

नयी दिल्ली, देश के उत्तरी, मध्य और पश्चिमी भागों में गर्मियों के दौरान चलने वाली लू के मद्देनजर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने 11 राज्यों को खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, बाहरी कामगारों, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और बेघर लोगों की सुरक्षा के लिए तत्काल एहतियाती कदम उठाने को कहा है।

आयोग ने गुरुवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और राजस्थान के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में गरीब वर्ग के लोगों के लिए छांव की व्यवस्था, राहत सामग्री की आपूर्ति, काम के घंटों में फेरबदल और गर्मी से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए लागू मानक प्रक्रियाओं की जानकारी भी मांगी है।

आयोग का मानना है कि इन कमजोर वर्गों के लोग के लिए आश्रय और संसाधनों के अभाव में गर्मी और लू के प्रकोप का संकट अधिक है। आयोग ने आज एक विज्ञप्ति में कहा कि वर्ष 2018 से 2022 के बीच गर्मी और लू के कारण आधिकारिक तौर पर 3,798 लोगों की मौत होने की सूचना है। राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो के इन आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए आयोग ने गर्मी के इस मौसम में एकीकृत और समावेशी उपायों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है।

राज्यों को भेजे गए अपने पत्र में आयोग ने गर्मी के थपेड़ों के प्रभाव को कम करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशानिर्देशों को दोहराया है। इनमें गर्मी से संबंधित बीमारियों के इलाज और उपचार प्रोटोकॉल के लिए मानक प्रक्रियाओं की स्थापना और कार्यान्वयन; स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और सामुदायिक हॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों को पर्याप्त वेंटिलेशन, पंखे, पेयजल और बुनियादी चिकित्सा आपूर्ति के साथ सक्रिय करें, अनौपचारिक बस्तियों और श्रमिक कॉलोनियों में रहने वाले परिवारों को पंखे, ठंडी छत बनाने की सामग्री और ओआरएस पाउच की आपूर्ति करना, कार्य समय में संशोधन करें, छायादार विश्राम क्षेत्र, जलयोजन सहायता उपलब्ध कराएं तथा सुरक्षात्मक कपड़ों के उपयोग को प्रोत्साहित करें।

आयोग ने इन राज्यों से लू से प्रभावित लोगों के जीवन की रक्षा के लिए की गई कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा है।

Related Articles

Back to top button