चुनाव आयोग ने बिहार के अधिकारियों को आधार कार्ड पर जारी किये नये निर्देश

नयी दिल्ली, चुनाव आयोग ने बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को मंगलवार को निर्देश दिया कि राज्य बिहार की मतदता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षा (एसआईआर) में लगे सभी अधिकारियों को आधार को भी पहचान के सबूत के रूप में स्वीकार किये जाने के उच्चतम न्यायालय के ताजा निर्देश से अवगत कराने तथा इसका सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिये हैं।
आयोग के सचिव पवन दीवान द्वारा प्रेषित पत्र में उच्चतम न्यायालय के सोमवार के निर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि राज्य के सभी जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ), मतदाता पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और सहायक मतदाता पंजीकरण अधिकारियों (एईआरओ) तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को आधार कार्ड को एसआईआर के लिए पहचान के प्रमाण के रूप में स्वाकार करने के निर्देश से अवगत कराया जाये और उसका कड़ाई से अनुपालन कराया जाए।
आयोग ने कहा है, ‘ अनुपालन करने या आधार को निर्देशानुसार पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार न करने के इन निर्देश की अवहेलना के किसी भी मामले को अति गंभीर माना जाएगा।” उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं के लिए ‘आधार’ को 12वें दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करे।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पहचान के प्रमाण के रूप में आधार को स्वीकार करने का निर्देश दिया।
चुनाव आयोग ने पहले पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को शामिल करने के लिए 11 दस्तावेज़ों की सूची बनाई थी।
शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को बूथ स्तर के अधिकारियों को आधार स्वीकार करने के निर्देश जारी करने का आदेश दिया।
आयोग ने हालांकि यह भी कहा है कि अधिकारी अन्य सूचीबद्ध दस्तावेजों की तरह, आधार कार्ड की प्रामाणिकता और वास्तविकता को सत्यापित करने और इसके लिए अन्य प्रमाण/दस्तावेज की मांग करने के हकदार होंगे।