मुंबई, अभिनेत्री से इंटीरियर डिजाइनर और लेखिका बनीं ट्विंकल खन्ना का मानना है कि उपन्यासों पर आधारित फिल्में बनाने का विचार अच्छा है। ट्विंकल ने बताया, मुझे लगता है कि उपन्यासों पर फिल्में बनाना अच्छा है, क्योंकि इससे फिल्म को और कुछ नहीं तो अच्छी कहानी तो मिलती ही है। ट्विंकल अपनी दूसरी किताब द लीजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद पेश करने जा रही हैं।
यह चार लघु कहानियों का संग्रह है। क्या फिल्मकार किताब की कहानी को पेश करते हुए उसके साथ इंसाफ कर सकता है, यह पूछे जाने पर ट्विंकल ने कहा, यह कैसे संभव है? जब आप कोई किताब पढ़ते हैं तो आप अपने दिमाग में एक दुनिया रचते हैं। कोई उसकी नकल कैसे कर सकता है? ट्विंकल ने कहा, उदाहरण के तौर पर मैं अपनी किताब में किसी गैर वर्णनात्मक चेहरे के बारे में बात कर सकती हूं। जब आप उसे पर्दे पर देख रहे होते हैं, तो आपको एक दृश्य दिखाई दे रहा होता है जो कल्पना को सीमित कर देता है। उन्होंने कहा, आपकी कहानी को पेश करने का तरीका फिल्म में अलग हो सकता है, दोनों में यही बुनियादी अंतर है।