फैजाबाद, अटल अमृत योजना से शहर में विकास की गंगा बहाने की कोशिशें की जा रही हैं। विकास के फोकस में पेयजल, पार्क और सीवर लाइन रहेगा। इस योजना से शहर के सभी पार्कों के नवीनीकरण व आम लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने वाला बनाने के लिए पहले चरण में पांच पार्कों का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। अटल अमृत योजना के जरिए विकास की चटक इबारत गढ़ने की दिशा में नगर पालिका ने प्रोजेक्ट बना लिया है। अटल अमृत योजना के अंतर्गत नगर पालिका फैजाबाद ने सर्वांगीण विकास के लिए जो प्रस्ताव बनाया है उसमें पेयजल व्यवस्था, सीवर लाइन और पार्क को मुख्य केंद्र में रखा गया है। नगर पालिका के कुल 40 पार्क हैं जिसमें ज्यादातर बदहाल की स्थिति में है। न तो ठीक से बैठने की व्यवस्था है और न ही हरियाली की चादर ही ऐसी बिछाई गई जो कि लोगों को आकर्षित कर सके। अटल अमृत योजना के तहत हर वर्ष कम से कम एक पार्क और अधिकतम पांच पार्कों के सौंदर्यीकरण किए जाने की योजना प्रस्तावित है। प्रति पार्क पांच लाख रुपये व्यय किया जाएगा। इसके अलावा सीवर लाइन तथा सुदृढ़ पेयजल सिस्टम को ध्यान में रखकर विकास का खाका खींचा गया है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रविशंकर शुक्ल ने कहा कि अटल अमृत योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में सीवर, पेयजल और पार्क के लिए प्रोजेक्ट बनाया गया है। नगर पालिका के सामने पार्क है या दुकान नगरपालिका ने बीते वर्ष में शहर में पार्क के सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों पर रुपये खर्च करके इनके किस्मत बदलने का दावा जरूर किया गया गया था लेकिन हकीकत यह है कि नपा के ज्यादातर पार्क बदहाली की गिरफ्त में है। हाल यह है कि नपा के आंख के सामने ही दो पार्क ऐसे है जहां पर अस्थाई दुकाने आबाद हो गई हैं। पार्क को दुकान की शक्ल दे दिया गया है। नगर पालिका ने बीते वर्ष में चार पार्कों के सौंदर्यीकरण के मद में तकरीबन 20 लाख रुपये खर्च किया। इसके बाद हालत यह है कि इन पार्कों में लोगों के न तो बैठने की व्यवस्था हुई न हरियाली। चारदिवारी आधी-अधूरी बनवा रकम का वारान्यारा हो गया। हाल यह है कि नगरपालिका परिसर व उसके सामने के पार्कों में ही जाड़े के समय अस्थाई तौर पर दुकानें सज-धज कर तैयार हो गई है। सिविल लाइंस स्थित गांधी पार्क में प्रवेश द्वार के पास ही कई जगह हरी घास गायब है। आश्चर्यजनक बदरंग तस्वीर नपा गेट के सामने स्थित वेदप्रकाश अग्रवाल पार्क और दीनदयाल उपाध्याय पार्क का है। दूर से देखने पर तो इसके पार्क होने का लुक ही गायब हो गया है। यहां पर दुकानें सज गई हैं। न हरी घास है, न ही बैठने की कोई मुकम्मल व्यवस्था और न ही पेयजल के लिए ही कोई इंतजाम किया गया है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रविशंकर शुक्ल ने कहा कि पार्कों का सौंदर्यीकरण तो किया गया था। अब शहर की स्थिति बदलेगी क्योंकि अटल अमृत योजना के तहत शहर का विकास होगा।