लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में मचे घमासान और दोनों गुटों (अखिलेश-मुलायम) में साइकिल पर कब्जे को लेकर जारी लड़ाई के बीच एक बार फिर सुलह की कोशिशें तेज हो गई हैं। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की तरफ से समाजवादी पार्टी पर कब्जे को लेकर प्रयास कल शाम तक जारी रहा लेकिन पिता और पुत्र के नेतृत्व वाले दोनों धड़ों के बीच सुलह की नए सिरे से कोशिश भी जारी रही।
जानकारी के अनुसार, सुलह की इसी कोशिश के तहत शिवपाल यादव ने शुक्रवार सुबह अखिलेश यादव से सीएम आवास जाकर मुलाकात की। हालांकि, इस बातचीत की कोई जानकारी अभी सामने नहीं आई है। इससे पहले, आज सुबह अमर सिंह ने मुलायम सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की। इस बैठक में मुलायम, अमर सिंह के अलावा शिवपाल भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, ये सारी कवायद परिवार के झगड़े में सुलह कराने की कोशिश है। बता दें कि समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण की जंग जारी रहने के बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को भी अपने करीबी भरोसेमंद अमर सिंह से सलाह मशविरा किया था।
उधर, मुलायम सिंह के दो भाई गुरुवार रात सैफई से लखनऊ पहुंचे हैं। अभय राम यादव और राजपाल यादव ने कल रात मुलायम से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि इनके बीच दोनों धड़ों के बीच सुलह को लेकर काफी चर्चा हुई है। अभय राम यादव के बेटे धर्मेंद्र यादव भी दोनों धड़ों के बीच सुलह की कोशिश में जुटे हैं। दोनों गुटों में आपसी गतिरोध के बीच, वरिष्ठ नेता आजम खान की कोशिशों से सपा के दोनों गुटों में दो दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन वह बेनतीजा रही।
दूसरी ओर, माना जा रहा है कि अखिलेश के प्रतिनिधि शुक्रवार को चुनाव आयोग के दफ्तर जाकर विधायकों, विधान परिषद सदस्यों तथा सांसदों के हस्ताक्षरित हलफनामे सौपेंगे। अखिलेश खेमे की ओर से एमएलए, एमएलसी के समर्थन लिस्ट को सौंपा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, अखिलेश के समर्थन में 211 विधायक, 51 एमएलसी हैं। बता दें कि अभी तक दोनों ही गुट अपनी-अपनी मांगों को लेकर किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाने के बावजूद कोई भी गुट नरमी नहीं दिखा रहा है।
दरअसल, अपने पिता की राह से जुदा रास्ते पर चल पड़े अखिलेश सपा संगठन पर अपना वर्चस्व लगातार बढ़ाते दिख रहे हैं। उनके निर्देश पर कल आजमगढ़, देवरिया, कुशीनगर और मिर्जापुर के बर्खास्त सपा जिलाध्यक्षों को कल बहाल कर दिया गया। गत रविवार को हुए अधिवेशन में प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गये शिवपाल यादव ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा असंवैधनिक करार दिये गये उस कार्यक्रम में शिरकत करने के आरोप में इन जिलाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया था।
वहीं, चुनाव आयोग ने सपा के दोनों गुटों द्वारा साइकिल पर दावे के सिलसिले में दाखिल किये गये दस्तावेजों पर अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने दोनों गुटों से आगामी नौ जनवरी तक अपने-अपने समर्थक विधायकों, विधान परिषद सदस्यों तथा सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित शपथपत्र जमा करने को कहा है, ताकि यह पता लग सके कि किसके पास कितना संख्या बल है। मुलायम गुट के सूत्रों के मुताबिक सपा मुखिया और शिवपाल आज अपने साथ विधायकों, विधान परिषद सदस्यों तथा सांसदों के हस्ताक्षरित शपथपत्र ले गये। हालांकि, गुरुवार शाम में दिल्ली आने के कुछ घंटे बाद मुलायम आयोग में गए बिना अपने भाई शिवपाल के साथ लखनऊ लौट गये। आयोग के सूत्रों ने कहा कि उन्हें सपा संस्थापक की तरफ से कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ है।